भोपाल: विजयपुर उपचुनाव में मिली हार के 12 दिन बाद भाजपा नेता रामनिवास रावत का इस्तीफा स्वीकार हो गया है. रामनिवास रावत ने वन मंत्री के पद से मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपना इस्तीफा सौंपा था. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अनुशंसा के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. माना जा रहा है कि रामनिवास रावत को भाजपा संगठन या फिर किसी निगम मंडल में जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. वन मंत्री का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद अब कयास लगने शुरू हो गए हैं कि आखिर इस महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी.
क्या फिर नागर सिंह के पास जाएगा विभाग
रामनिवास रावत का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि इस महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी आखिर किसे मिलने जा रही है. मोहन यादव सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान इस विभाग को लेकर खुलकर अपनी इच्छा जाता चुके हैं. रामनिवास रावत कि पहले वन विभाग की जिम्मेदारी नागर सिंह चौहान के पास ही थी और इसलिए नागर सिंह चौहान एक बार फिर इस महत्वपूर्ण विभाग को लेकर कोशिश में जुटे हैं. हालांकि सूत्रों की माने तो फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार से सरकार बचाना चाहती है. मंत्रिमंडल विस्तार करने से कई सीनियर विधायकों की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ सकती है. ऐसे में सरकार मंत्रिमंडल के किसी सदस्य को ही इस विभाग की जिम्मेदारी सौंप सकती है. मोहन सरकार में रामनिवास रावत के इस्तीफा के बाद मंत्रियों की संख्या 30 रह गई है.
लोकसभा चुनाव में एन मौके पर बीजेपी में शामिल होकर चुनाव में बीजेपी को लेकर माहौल बनाने का इनाम बीजेपी एक बार फिर रामनिवास रावत को दे सकती है. उपचुनाव हारने के बाद रामनिवास रावत को वन मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी रावत को किसी निगम मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे सकती है. भाजपा संगठन में भी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. रामनिवास रावत ने मुख्यमंत्री के विदेश यात्रा से लौटने के बाद उनसे मुलाकात की थी. इसके अलावा पार्टी के कई सीनियर नेताओं से भी लगातार मुलाकात कर रहे हैं.