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30 Jan 2025, Thu

कांग्रेस के खिलाफ ही बोल पड़े राहुल गांधी, दलित इन्फ्लुएंसर्स से की मुलाकात, दलितों के साथ हो रहे भेदभाव की बात की

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं जल्द ही मतदान होने वाला है। ऐसे में चुनाव प्रहार अपने चरम पर है। इस दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज गालिब ऑडिटोरियम गए। जहां राहुल ने दलित इन्फ्लुएंसर्स से मुलाकात की।

लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी ने दलित, पिछड़ों और अति पिछड़ों का भरोसा कायम रखा होता तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कभी सत्ता में नहीं आता। उन्होंने ‘दलित इन्फ्लुएंसर्स’ को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह अपनी पार्टी में ‘आंतरिक क्रांति’ लाएंगे और संगठन में वंचित तबकों के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘1990 के बाद विश्वास में कमी आई। इस वास्तविकता को कांग्रेस को स्वीकार करना पड़ेगा…कांग्रेस ने जिस प्रकार से आपके हितों की रक्षा करनी थी वो नहीं की। इस बयान से मुझे नुकसान हो सकता है, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह सच है।’’

राहुल गांधी का कहना था कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि 1990 के दशक से कांग्रेस वंचित वर्गों के हितों की उस तरह से रक्षा नहीं कर पाई जिस तरह उसे करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों का विश्वास बरकरार रखा होता तो आरएसएस कभी सत्ता में नहीं आती…इंदिरा गांधी जी के समय पूरा भरोसा बरकरार था। दलित, आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यक सब जानते थे कि इंदिरा जी उनके लिए लड़ेंगी।’’

राहुल आज दलित समाज के एक कार्यक्रम में पहुंचे। जहां उन्होंने दलितों के उत्थान की बात की। उनके साथ हो रहे भेदभाव की बात की। उन्होंने कहा कि आपको देश की मीडिया में दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज से एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल और पीएम मोदी दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि

ये ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि आप देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों और मैनेजमेंट टीम की लिस्ट निकालिए। इस लिस्ट में कोई भी व्यक्ति देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग से नहीं मिलेगा। यही हाल देश के बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल और संस्थाओं का है। राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम के ज़रिए दलितों को साधने की कोशिश की है. बता दें कि दिल्ली में दलित समुदाय की आबादी करीब 14 प्रतिशत है। ऐसे में डाभी दलों की नज़र इस समुदाय पर है. देखना होगा कि कौन सा दल इसे साधने में कामयाब हो पाता है।

By archana

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