महाकुंभ नगर, पूरे जीवन साथ निभाने का वादा करने वाली, हर तीर्थ स्थान पर साथ चलने वाली, कदम-कदम पर साथ देने वाली, आज मेरी धर्मपत्नी संगम स्नान से पहले ही साथ छोड़कर चली गई। महाराष्ट्र के गोदिया जिले के रहने वाले नारायण तिवारी ने रोते हुए यह बात अपनी जुबान से कही।
उन्होंने महाकुंभ के जाम में अपनी जीवन संगिनी को एक पल में खो दिया। करीब 62 साल की उम्र के नारायण तिवारी शुक्रवार को अपने परिवार के साथ संगम स्नान के लिए महाराष्ट्र से निकले थे। घंटों जाम में फंसे रहने के बाद वह शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। वह अपने परिवार के साथ गाड़ी से उतरे और उनकी पत्नी रेखा देवी की अचानक सांस उभरने लगी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस दौरान परिवार के सभी लोग घबरा गए। परिजन आनन-फानन में उन्हें लेकर अस्पताल के लिए निकले लेकिन वह जाम के चलते समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके।
शहर में भीषण जाम होने की वजह से अस्पताल पहुंचने में उन्हें करीब 3 घंटे लग गए। जिस वजह से रेखा देवी की गाड़ी में ही मौत हो गई। परिवार के लोग रेखा देवी को पहले जीवन ज्योति हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल स्वरूप रानी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। नारायण तिवारी ने बताया कि परिवार कुशल है। सभी बच्चों की शादी-ब्याह हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के चलते पूरे शहर में हर तरफ जाम लगा हुआ था, कहीं से भी निकलने का कोई रास्ता नहीं था। पत्नी की सांस चलना बंद हो गई थी, अस्पताल पहुंचने से पहले ही पत्नी ने दम तोड़ दिया।