प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार (5 फरवरी) को प्रयागराज दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह चल रहे महाकुंभ में पहुंचकर संगम में पवित्र स्नान करेंगे. पीएम के दौरे से पहले सभी इंतजाम कर लिए गए हैं. मेले में सुरक्षा के मद्देनजर एसपीजी ने मोर्चा संभाल लिया है. साथ ही एयर, वॉटर फ्लीट व रोड फ्लीट का रिहर्सल हो चुका है. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद रहेंगे.
पीएम मोदी के संगम स्नान को आध्यात्मिक और राजनीतिक दोनों मायनों में खास माना जा रहा है. आध्यात्म के लिहाज से देखें तो माघ अष्टमी पर पुण्य काल में त्रिवेणी में स्नान करेंगे जबकि आज ही दिल्ली विधानसभा चुनाव और अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के मतदान भी है. यानी अयोध्या से दिल्ली तक आज राजनीतिक हलचल तेज रहेगी.
1 फरवरी को 77 देशों के प्रतिनिधिमंडल ने लगाई थी डुबकी
तीन दिन पहले 1 फरवरी को 77 देशों के 118 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई है. इसमें कई देशों के राजयिकों के साथ ही उनका परिवार भी शामिल था. महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले 77 देशों में रूस, मलेशिया, बोलीविया, जिम्बाब्वे, लातविया, उरुग्वे, नीदरलैंड, मंगोलिया, इटली, जापान, जर्मनी, जमैका, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पोलैंड, कैमरून, यूक्रेन, स्लोवेनिया और अर्जेंटीना जैसे देशों के राजनयिक शामिल हैं. यूपी सरकार ने एक बयान में कहा कि राजनयिकों ने यात्रा के लिए किए गए प्रबंधों पर खुशी जताई.
बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर पूरी कैबिनेट और गृहमंत्री अमित शाह से लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तक संगम में स्नान कर चुके हैं. वहीं अब मिल्कीपुर और दिल्ली चुनाव की वोटिंग के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिवेणी में डुबकी लगाएंगे. जबकि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अब तक महाकुंभ से दूरी बनाई है, जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
जातिगत जनगणना के जरिए ओबीसी, एससी वोटरों को अपने पाले में लाने को लेकर विपक्ष के प्रहार का जवाब बीजेपी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के जरिए देना चाहती है. इसमें महाकुंभ खास माना जा रहा है. पीएम मोदी भी इसे एकता का महाकुंभ की संज्ञा दे चुके हैं. बीजेपी खेमे की कोशिश है कि जातिगत भेद उभरन की बजाय इनको सनातन की डोर में पिरोकर रखा जाए. वहीं, राहुल गांधी के अब तक महाकुंभ न आने को दिल्ली चुनाव वजह माना जा रहा है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी की तरह विपक्ष भी अपने समीकरण साधना चाहता है.