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27 Jan 2025, Mon

113 हस्तियों को पद्मश्री; अरिजीत सिंह, अश्विन और जसपिंदर नरूला को मिला सम्मान, 30 गुमनाम नायकों के भी नाम

Padma Awards 2025: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी. जिसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. जिसमें बिहार कोकिला के नाम से मशहूर मैथिली, भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने की घोषणा की गई है. इसके अलावा 7 अन्य को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. भारत की 30 गुमनाम नायकों को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीरजा भटला को पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन पर विशेष ध्यान देती हैं. भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से समाज के सबसे हाशिए पर पड़े समूहों में से एक मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए अथक काम करने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. पी दत्चनमूर्ति को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. वे दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थाविल में विशेषज्ञता रखने वाले वाद्य वादक हैं, जिनके पास 5 दशकों से अधिक का अनुभव है. एल हैंगथिंग को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. वे नोकलाक, नागालैंड के एक फल किसान हैं, जिन्हें गैर-देशी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है.

पद्म विभूषण

दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी – तेलंगाना

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर – चंडीगढ़

कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया – गुजरात

लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम – कर्नाटक

एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) – केरल

ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) – जापान

शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) – बिहार

हरविंदर सिंह – हरियाणा

हसन रघु – कर्नाटक

हेमंत कुमार – बिहार

हृदय नारायण दीक्षित – उत्तर प्रदेश

ह्यूग और कोलीन गैंट्जर (मरणोपरांत)(युगल)* – उत्तराखंड

इनिवलप्पिल मणि विजयन – केरल

जगदीश जोशीला – मध्य प्रदेश

जसपिंदर नरूला – महाराष्ट्र

जोनास मसेट्टी – ब्राजिल

जोयनाचरण बाथरी – असम

जुमदे योमगाम गामलिन – अरुणाचल प्रदेश

के दामोदरन – तमिलनाडु

केएल कृष्णा – आंध्र प्रदेश

के ओमानकुट्टी अम्मा – केरल

किशोर कुणाल (मरणोपरांत) – बिहार

एल हंगथिंग – नगालैंड

लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर – तमिलनाडु

ललित कुमार मंगोत्रा – जम्मू और कश्मीर

लामा लोब्ज़ांग (मरणोपरांत) – लद्दाख

लीबिया लोबो सरदेसाई – गोवा

एमडी श्रीनिवास – तमिलनाडु

मदुगुला नागफनी सरमा – आंध्र प्रदेश

महावीर नायक – झारखंड

ममता शंकर – पश्चिम बंगाल

मंदा कृष्ण मडिगा – तेलंगाना

मारुति भुजंगराव चितामपल्ली – महाराष्ट्र

मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत) – आंध्र प्रदेश

नागेन्द्र नाथ रॉय – पश्चिम बंगाल

नारायण (भुलई भाई) (मरणोपरांत) – उत्तर प्रदेश

नरेन गुरुंग – सिक्किम

नीरजा भटला – दिल्ली

निर्मला देवी – बिहार

नितिन नोहरिया – संयुक्त राज्य अमेरिका

ओंकार सिंह पाहवा – पंजाब

पी दत्चनमूर्ति – पुदुचेरी

पंडी राम मंडावी – छत्तीसगढ

परमार लवजीभाई नागजीभाई – गुजरात

पवन गोयनका – पश्चिम बंगाल

प्रशांत प्रकाश – कर्नाटक

प्रतिभा सत्पथी – ओडिशा

पुरीसाई कन्नप्पा संबंदन – तमिलनाडु

आर अश्विन – तमिलनाडु

आरजी चंद्रमोगन – तमिलनाडु

राधा बहिन भट्ट – उत्तराखंड

राधाकृष्णन देवसेनापति – तमिलनाडु

रामदरश मिश्रा – दिल्ली

रणेन्द्र भानु मजूमदार – महाराष्ट्र

रतन कुमार परिमू – गुजरात

रेबा कांता महंत – असम

रेंथलेई लालराणा – मिजोरम

रिकी ज्ञान केज – कर्नाटक

सज्जन भजनका – पश्चिम बंगाल

सैली होलकर – मध्य प्रदेश

संत राम देसवाल- हरियाणा

सत्यपाल सिंह – उत्तर प्रदेश

सीनी विश्वनाथन – तमिलनाडु

सेतुरामन पंचनाथन – संयुक्त राज्य अमेरिका

शेखा शेखा अली अल-जबर अल-सबा – कुवैत

शीन काफ़ निजाम (शिव किशन बिस्सा) – राजस्थान

श्याम बिहारी अग्रवाल – उत्तर प्रदेश

सोनिया नित्यानंद – उत्तर प्रदेश

स्टीफन नैप – संयुक्त राज्य अमेरिका

कौन हैं लीबिया लोबो सरदेसाई, जिन्हें पद्मश्री से किया जाएगा सम्मानित

गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए 1955 में एक जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (वॉयस ऑफ फ्रीडम)’ की स्थापना की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की.

पश्चिम बंगाल की गोकुल चंद्र डे को भी पद्मश्री

पुरस्कार पाने वालों में पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे भी शामिल हैं जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा. डे ने ढाक प्रकार का एक हल्का वाद्ययंत्र भी बनाया, जो वजन में पारंपरिक वाद्ययंत्र से 1.5 किलोग्राम कम था. उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसी हस्तियों के साथ कार्यक्रम किए.

माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने वाली सैली होलकर को भी पद्मश्री

महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने पारंपरिक बुनाई तकनीकों में ट्रेनिंग देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की.

By archana

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