Breaking
24 Dec 2024, Tue

एक उद्यम हजार नौकरी पैदा करता है अतः आप नौकरी देने वाले बने न कि नौकरी करने वाले – शैलेन्द्र जैन

मांग एवं पूर्ति का सिद्धांत कौशल की उपयोगिता को सिद्ध करता है – कुलगुरू प्रो. विनोद कुमार मिश्र 

कौशल वर्तमान समय की न केवल आवश्यकता है बल्कि आर्थिक विकास के लिए उपयोगी भी है- डा सरोज गुप्ता

सागर (संभागीय ब्यूरो)/ मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सागर में कौशल सम्बर्द्धन: स्वरूप एवं संभावनाए विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता के मार्गदर्शन मे आयोजित किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि रानी अवंती बाई विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ विनोद मिश्रा रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अमर कुमार जैन तथा आयोजन सचिव डॉ. राणाकुंजर सिंह तथा डॉ. शुचिता अग्रवाल रही। कार्यक्रम की अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग की क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. रेखा बरेठिया तथा विशिष्ट अतिथि जनभागीदारी अध्यक्ष नितिन शर्मा, रानी अवंती बाई विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ शक्ति जैन एवं सुनील कुमार सिंह क्षेत्रीय महाप्रबंधक एस.बी.आई. रहे।

कौशल संवर्धन पर आधारित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए विद्यायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि कौशल युक्त हाथो से मिट्टी को भी सोना बनाया जा सकता है। हमारे कुम्हार भाई मिट्टी की कलाकृतियों को विदेशों में बेचकर डॉलर कमा रहे है। भारतीय संस्कृति में नौकरी को बहुत सम्मान से नहीं देखा जाता है बल्कि कृषि और स्वयं के व्यापार को को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। उन्होंने विद्यार्थियों को जोर देते हुए कहा कि एक उद्यम हजार नौकरी पैदा करता है अतः आप नौकरी देने वाले बने न कि नौकरी करने वाले। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के सेमिनार विद्यार्थियों के लिए ऐसी प्रयोगशालाए है जहां विषय के जानकार अपना अनुभव आपको देते है। प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए संगोष्ठि की उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कौशल वर्तमान समय की न केवल आवश्यकता है बल्कि आर्थिक विकास के लिए उपयोगी भी है। सेमिनार का समाहार प्रतिवेदन डॉ. अमर कुमार जैन संयोजक ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में नारद एवं सनत ऋषी के संवाद ने पृथ्वी पर क्या नाम श्रेष्ठ है से लेकर आत्मा श्रेष्ठ है तक का संवाद प्रस्तुत किया। असरार अहमद एवं अंशिता बजाज द्वारा 15 दिवसीय पेटिंग स्वरोजगार कार्यशाला के विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र दिये गये। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. श्रीराम परिहार ने कहा कारीगर जब कौशल करता है तो वह अपना सर्वोच्च समर्पण करता है। विज्ञान पदार्थो का ज्ञान नहीं है बल्कि तत्व चिंतन के आधार पर सत्य की खोज का नाम विज्ञान है। भाषा कौशल से आशय उच्चारण एवं लेखन दोनो से है। विशिष्ट अतिथि अजय तिवारी कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर ने भाषा की कुशलता को व्यवसायिकता से संबंध स्थापित करते हुए कहा कि भाषा तपस्या है ऐसा लिखे जो सूत्र वाक्य बन जाये। मुख्य वक्ता डॉ. रजनी गुप्ता ने कहा कि ऐसा कार्य करो जो लीग से हटकर है तथा आपकी रूचि का है वह कौशल है। वैश्विक बाजार हस्तशिल्प माटीकला रेशम के लिए भारतीय उद्योगो पर निर्भर है। डॉ. विवेकानद उपाध्याय बनारस ने कहा हजार वर्षो के इतिहास में हिन्दी में जितने रोजगार उपलब्ध है वह पहले कभी नहीं थे। डॉ. शरद सिंह ने कहा कौशल का आपको उदाहरण देखना है तो आप भिखारियों को देखिये वह अपने कौशल से आपको रूपये देने के लिए बाध्य कर देते है। डॉ. बहादुर सिंह परमार छतरपुर ने भाषा कौशल से रोजगार के संबंध में कहा स्थानीय भाषाओं में रील बनाकर ग्रामीण लोग लाखों रूपये कमा रहे है। भाषा का प्रस्तुतिकरण रोजगार का माध्यम बनता है। व्याख्याता टीकाराम त्रिपाठी ने वेदो से रोजगार के विषय में अपनी बात रखी

समापन सत्र के मुख्य अतिथि रानी अवन्तीबाई विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि कौशल शब्द का प्रत्यक्ष संबंध अर्थशास्त्र से है। इसके अंतर्गत मांग एवं पूर्ति का सिद्धांत कौशल की उपयोगिता को सिद्ध करता है। तक्षशिला नालंदा विश्वविद्यालय ने संपूर्ण विश्व को भारतीय ज्ञान की महिमा से परिचित कराया। डॉ. हरीसिंह गौर विवि के पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. के.एस. पित्रे ने कहा कि भारत में 17 करोड नौकरी निेकलती है लेकिन बेरोजगारो की संख्या 35 करोड है इनका अंतर कौशल विकास से ही संभंव होगा। डॉ. अरविन्द जैन ने वाणिज्य कौशल के विषय में बताया डॉ. आशीष द्विवेदी डायरेक्टर इंकमीडिया ने कहा कि कौशल डीएनए से भी आती है। विष्णुआर्य योगाचार्य ने कहा कि योग वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व के रोजगार का माध्यम बना हुआ है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय संगोष्ठि संयोजक डॉ. अमर कुमार जैन, डॉ. राणाकुंजर सिंह, आयोजन सचिव डा शुचिता अग्रवाल तथा डॉ. अभिलाषा जैन ने किया। कार्यक्रम मे डॉ. इमराना सिद्दीकी, डॉ. संगीता मुखर्जी, डॉ. प्रतिभा जैन, डॉ. दीपक जॉनसन, डॉ. संगीता कुम्भारे, डॉ संदीप सबलोक, डॉ. जयनारायण यादव, डॉ. भरत शुक्ला, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. कनिष्क तिवारी, सुनील प्रजापति सहित 500 विद्यार्थी उपस्थित रहे।

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *