MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नवनिर्मित ब्रिज डॉ. भीमराव आंबेडकर ब्रिज में बड़ी खामी सामने आई है। एमसीयू एमपी नगर की ओर जाने वाली सड़क में डामरीकरण किया गया है। जब पत्रिका की टीम सुबह पड़ताल करने पहुंची तो सड़क से डामर उखड़ने लगा। सड़क से डामर, गिट्टियां उखड़ कर बाहर आ रही हैं।
महज एक दिन बाद ही रोड की ये हालत कई तरह से सवाल खड़े कर रही है, करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी ब्रिज की सड़क इस तरह की गुणवत्ता होना कहीं न कहीं सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं।
भोपाल हाट की ओर से ब्रिज पर जाने के लिए यहां 180 डिग्री टर्न लेना पड़ रहा है। यहां आंबेडकर ब्रिज से शौर्य स्मारक की ओर तेज गति से आने वाले वाहनों से भिडंत की स्थिति बनती है। यहां सिग्नल लगेंगे, लेकिन एक रोटरी की तरह जगह है, यहां से घूमकर ब्रिज पर चढ़ेंगे तो भिडंत नहीं होगी।
10 नंबर की ओर ब्रिज किसी काम का नहीं
आरकेएमपी से सावरकर ब्रिज की ओर वन-वे किया गया है। जिन्हें ब्रिज से उतरकर अरेरा की ओर जाना है वे सावरकर ब्रिज का उपयोग करेंगे। फ्रैक्चर हॉस्पिटल के लिए अंडरब्रिज की ओर निकलकर आना होगा। इसके अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है।
रेलवे से लेकर चौड़ी की जाएगी
पीडब्ल्यूडी की ओर से गणेश मंदिर के सामने मेट्रो लाइन के नीचे रेलवे से जमीन की मांग की है। यहां आरकेएमपी का ट्रैफिक जब सावरकर ब्रिज की ओर आता तो बॉटल नेक की स्थिति बनती है। इसमें अंबेडकर ब्रिज का ट्रैफिक गलत दिशा से आता है तो जाम लगता है। रेलवे जमीन देता है तो यहां रोड चौड़ा करेंगे, ताकि यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति न बनें।
इस पूरे मामले पर पीडब्ल्यूडी विभाग के इएनसी केपीएस राणा का कहना है कि हम स्थितियों को समझ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से मिलकर प्रबंधन को लेकर उपाय किए जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से गणेश मंदिर में वन वे लागू कराएंगे, जिससे स्थिति दुरुस्त होगी।
इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने सड़क की गुणवत्ता और सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए सरकार को भ्रष्ट कहा है।
जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- भोपाल के नवनिर्मित ब्रिज की सड़क से डामर, गिट्टियां उखड़ कर बाहर आ रही हैं! जो करप्शन की एक और कहानी सुना रही हैं! ‘आटे में नमक’ की बात पुरानी हो गई! क्योंकि, भाजपा ‘नमक की रोटियां’ बनाने में जी-जान से जुटी है। अब ईमानदारी के आटे की उम्मीद ही नहीं है!