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19 Jan 2025, Sun

मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में मूक बधिर बच्चों के चेहरे पर बिखरा खुशी का रंग, हरसंभव फाऊंडेशन की तरफ से मातृ शक्तियों ने बरसाई बच्चों पर अपनी ममता

अर्पण दिव्यांग मूक बधिर विद्यालय में सामूहिक रूप से खाद्य सामग्री का वितरण

रायपुर। कहते हैं निःस्वार्थ भाव से किसी के जीवन में पल भर की खुशी लाना किसी असंभव से कम नहीं होता है पर हरसंभव फाऊंडेशन की मातृ शक्तियों ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से इस इस असंभव को संभव कर दिखाया है। राजधानी रायपुर की स्वयं सेवी संस्था हरसंभव फाउंडेशन की टीम की कोर मेंबर्स जब मूक बाधिर बच्चों के आशियाने अर्पण दिव्यांग मूक बधिर विद्यालय में पहुंची तो इन दिव्यांगों की अनुभूति ने यशोदा मैया के उस स्नेह को महसूस कर लिया जिसकी सदैव इन बच्चों को जरूरत होती है।

हरसंभव फाउंडेशन की टीम में शामिल मातृ शक्तियों के सहयोग से मकर संक्रांति एवं तिल चौथ, सकट चौथ पर्व के उपलक्ष्य में अर्पण दिव्यांग मूक बधिर विद्यालय रायपुर में सामूहिक रूप से खाद्य सामग्री, राशन जैसे दाल, चावल, आटा, नमक, तेल, शक्कर, अचार, घी, चॉकलेट, बिस्किट, पोहा, सूजी, बेसन, नमकीन एवं अन्य जरूरत की सामग्री साबुन, शैंपू, पेन, रबर, कटर, आदि का वितरण किया गया। हरसंभव फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष पुष्पलता त्रिपाठी ने कहा कि प्राचीन काल से माघ के पवित्र महीने में दान का विशेष महत्व बताया गया है। मकर संक्रांति एवं सकट तिल चौथ का दान विशेष फलदाई होता है। हम सभी ने इसी दान से पुण्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से सामूहिक सहयोग से उन दिव्यांग बच्चों के चेहरे पर चंद पलों के लिए ही सही ममत्व बरसाने की कोशिश की है।

 

*यह मातृ शक्तियां बनी ममता की साक्षी :*

 

अर्पण दिव्यांग मूक बधिर विद्यालय में रह रहे दिव्यांग बच्चों के अंधेरे जीवन को अपनी ममत्व के लाड़ प्यार से ममता का स्पर्श कराने में हरसंभव फाउंडेशन की अध्यक्ष पुष्पलता त्रिपाठी, रेवती सिंह, वीणा रावत, उर्मिला सोनी, बबीता गोयल, अनीता अग्रवाल, कस्तूरी साहू, प्रेमलता त्रिवेदी, शोभा टिबरेवाल, राधा रानी श्रीवास, भारती शर्मा, नीलू, छाया देवांगन, प्रेमलता साहू, जोशना मेश्राम, माधुरी जैन, गीता कटारिया, नीता थापा, पूनम मिश्रा, इंदु वर्मा, महक अंदानी, संध्या पांडे, कविता मिश्रा का अनुकरणीय योगदान रहा। इन मातृ शक्तियों के इस अभिनव प्रयास से समाज में एक प्रेरणादायक संदेश प्रसारित होगा जिससे अन्य लोगों को भी इस तरह के सामाजिक सरोकार के पुनीत कार्य की सहभागी बनने की इच्छा बलबती होगी।

By archana

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