राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन की नई नवेली मिशन संचालक सलोनी सिडाना ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार एनएचएम की दागी अधिकारी और करोड़ों रुपए के हेरफेर में लिप्त पाई जाने वाली डॉ प्रज्ञा तिवारी को सौंप दिया जिससे सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि एक भ्रष्ट अधिकारी को एमडी ने प्रभार दिया है क्या एनएचएम में कोई भी बेदाग अधिकारी नहीं बचा
दरअसल डॉ प्रज्ञा तिवारी पर वर्ष 2007_08 में नियम विरुद्ध तरीके से 32 करोड़ रु की जगह 64 करोड़ रु की दवा खरीदी में जांच बैठी थी और जिस पर डॉ प्रज्ञा तिवारी सहित तत्कालीन उप संचालक डॉ केके अग्रवाल ओर विभाग के एएसओ बी एम सक्सेना पर आरोप पत्र जारी किए गए थे जिस पर वर्ष 2018 में तत्कालीन अपर संचालक स्वास्थ विवेक श्रोतिय ने डॉ प्रज्ञा तिवारी को दोषी पाए जाने पर एक इंक्रीमेंट रोक दिया था लेकिन बाद मै पूर्व एसीएस मोहम्मद सुलेमान से सांठ गांठ कर डॉ प्रज्ञा तिवारी के पहने पर दोबारा जांच कराई और करोड़ों रु के हेरफेर के आरोप से मुक्त कर दिया था
वहीं मिशन संचालक ने आरटीआई एक्टिविस्ट पुनीत टंडन की शिकायत के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे सीईओ केके रावत को हटाकर दूसरे भ्रष्टाचार की मूर्ति प्रज्ञा तिवारी को सीईओ का चार्ज सौंप दिया शायद मोहन सरकार मै ईमानदार अधिकारी की कमी हो गई। उल्लेखनीय है कि डॉ प्रज्ञा तिवारी भोपाल सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी की पत्नी है जो पिछले चार साल से भोपाल में सीएमएचओ है और उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार की शिकायत ओर जांच लोकायुक्त ओर ईओडब्ल्यू मै दर्ज है।