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22 Feb 2025, Sat

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने नगर पंचायत कदौरा पर ठीक 37 करोड़ का जुर्माना,अधिकारियों में मची खलबली

कदौरा। देश में पहली बार किसी नगर पंचायत इतना भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है,पत्र जारी होते ही जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया हैं।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( एनजीटी ) ने नगर पंचायत कदौरा पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए 36 करोड़ 80 लाख 88 हजार 500 रूपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही जुर्माने की वसूली भू-राजस्व की भांति करने के आदेश जारी कर दिए गए है। इससे पूर्व वर्ष 2021 में एनजीटी ने एक करोड़ 82 लाख 88 हजार 200 रूपये का जुर्माना लगाया गया था।

 

जनपद जालौन की नगर पंचायत कदौरा में तालाबों की दुर्दशा को लेकर एनजीटी कोर कमेटी के सदस्य पुष्पेंद्र कुमार द्वारा तालाबों की दयनीय स्थित के सुधार हेतु अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी थी। रिपोर्ट को संज्ञान लेकर एनजीटी के चीफ जस्टिस ने उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सदस्य,सचिव को आदेश जारी करते हुए लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश जारी किए। निर्देश मिलते ही आरओ झांसी द्वारा 7 जनवरी 2025 को नगर पंचायत कदौरा स्थित सदर तालाब सहित अन्य तालाबों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को तालाबों की स्थित में कोई सुधार नहीं मिला। तालाबों में सीवेज से लेकर ठोस अपशिष्ट का निस्तारण नहीं किया गया। जल नमूना की रिपोर्ट में तालाबों का पानी अत्यंत प्रदूषित पाया गया। उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड झांसी के अधिकारियों ने मुख्य पर्यावरण अधिकारी (वित्त-7) उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को भेजी रिपोर्ट में कहा कि नगर पंचायत द्वारा पर्यावरणीय प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। प्रथम दृष्टता जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन है। पूर्व में 88 दिनों की उल्लंघन अवधि हेतु एक करोड़ 82 लाख 88 हजार 200 धनराशि की दर से दिनांक 28.2020 से अद्यतन तिथि 7.1.2025 तक की अवधि अर्थात कुल-1775 दिन की उल्लंघन अवधि हेतु 36 करोड़ 88 लाख 80 हजार 500 रूपये धनराशि की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निकाय अधिरोपित किया जाना विधिसंगत प्रतीत होता है। जुर्माने की राशि जिम्मेदारों को प्रतिदिन दो लाख 7 हजार 820 रूपये के हिसाब से जमा करनी होगी। देश में किसी नगर पंचायत में यह पहला मामला है। जब एनजीटी ने इतनी बड़ी धनराशि का जुर्माना लगाया है।

गौरतलब है कि नगर पंचायत कदौरा की वित्तीय स्थित पहले से ही अत्यंत दयनीय है। जहां छोटे छोटे खर्चों के लिए भी मद में धनराशि नहीं है। ऐसे में 37 करोड़ का जुर्माना लगने से जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया है। एनजीटी की सख्ती के चलते नगर विकास विभाग एवं स्थानीय निकाय निदेशालय भी कदौरा नगर पंचायत पर अपनी नजर बनाए हुए है। आने वाले समय में विभाग द्वारा नगर पंचायत पर कई बड़ी कार्यवाहियों के संकेत मिल रहे है। जिम्मेदारों की उदासीनता से विभाग की किरकिरी हुई है। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि एनजीटी के निर्देनुसार नगर पंचायत से जुर्माने की वसूली भू-राजस्व की तरह होने पर किस तरह की स्थित पैदा होगी।

आलाअधिकारी भी इस मामले में बोलने से कतराते नजर आ रहे है।

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