उरई । राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अन्तर्गत 1 से 19 वर्ष तक के सभी किशोर-किशोरियों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए कृमि मुक्ति अभियान का शुभारम्भ ठाकुर महेन्द्र सिंह पब्लिक स्कूल उरई व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डेकोर में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से बच्चों को एल्बेडाजॉल की दवा खिलाकर कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र देव शर्मा द्वारा कृमि मुक्ति दिवस अभियान के वारे में अवगत कराया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 फरवरी 2025 को सभी सरकारी, मान्यता प्राप्त व प्राइवेट विद्यालय तथा आंगनबाडी केन्द्रों में पंजीकृत किशोर किशोरियों तथा विद्यालय न जाने वाले 1 से 19 वर्ष किशोर किशोरियों को एल्बेडलाजोल की दवा खिलाई जायेगी। छूटे हुए किशोर किशोरियों को 14 फरवरी 2025 का आयोजित मॉअप दिवस पर दवा खिलाई जायेगी। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद में संचालित सभी स्कूलों व आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से 735900 किशोर किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जायेगी। गौरीशंकर वर्मा सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य एवं शेक्षिक स्तर में वृद्धि के लिए स्कूल व आंगनबाडी केन्द्रों मे एल्बेडाजॉल की दवा खिलाई जाती है, उन्होंने कहा कि इसकी गंभीरता को समझें और अपने बच्चों को अल्बेंडाजोल खिलाएं। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि हुक कृमि, व्हिप कृमि, राउण्ड कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जिवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं। कृमि संक्रमण से पेट दर्द, दस्त, कमजोरी, उल्टी व भूख न लगना आदि लक्षण पाये जाते है। कृमि संक्रमण से बचाव हेतु नाखून साफ और छोटे रखें, हमेसा साफ पानी पीएं, खाने को ढंक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियों धोएं, अपने हाथ साबुन से धोए विशेषकर खाने से पहले और शौंच जाने के बाद, खुले में शौंच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, जूते पहने, आस-पास सफाई रखें। अभियान के अन्तर्गत 1-2 वर्ष तक बच्चों को आधी गोली 200 एम०जी० पीसकर, 2-3 वर्ष-1 गोली 400 एम०जी० पीसकर तथा 3-19 वर्ष-1 गोली 400 एम०जी० चबाकर खिलाना है। इस कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डा० वीरेन्द्र सिंह अपर मुख्य
चिकित्सा अधिकारी, डा० देवेन्द्र भिटौरिया, जिला कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर व विद्यालय की प्रधानाचार्या, शिक्षक / शिक्षिकाऐं एवं बच्चें उपस्थित रहे।