MP News: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां नगर पालिका ने दृष्टिहीनों को ड्राइवर और फायरमैन को नौकरी देने के उद्देश्य से आदेश जारी किया है, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई भी व्यक्ति दृष्टिहीन है तो वह गाड़ी कैसे चल सकता है और आग कैसे बुझा सकता है.
दरअसल भिंड जिले में नगर पालिका के द्वारा दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती निकाली गई है जिसमें ड्राइवर और फायरमैन जैसे पद शामिल है 30 अगस्त 2024 को जारी की गई इस भर्ती की अधिसूचना में नियमित के 7 एवं संविदा के कुल 19 पद शामिल किए गए हैं
इस अधिसूचना के तहत ड्राइवर और फायरमैन के पद पर दृष्टिहीन या फिर काम देखने वाले व्यक्तियों के लिए सीट आरक्षित करने की बात कही गई है इस भर्ती के लिए 20 सितंबर 2024 तक के लिए आवेदन ऑनलाइन मांगे गए थे जिसमें कुल 334 आवेदन प्राप्त भी हुए थे. लेकिन इस भर्ती के बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर दृष्टिहीन व्यक्ति ड्राइवर में या फिर फायरमैन की नौकरी कैसे कर सकता है यह बात हैरान करने वाली है हालांकि इसके संबंध में जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शासन की गाइडलाइन है जिसके तहत भर्ती निकाली गई है.
CMO बोले- शासन के दिशा निर्देशों का पालनकरीब दो महीने बाद जब आवेदन आगे बढ़ चुके हैं, यह मामला सुर्ख़ीयों में है. इस संबंध में जब नगर पालिका CMO यशवंत वर्मासे बात की गई तो उनका कहना था “भिंड नगर पालिका में दिव्यांगों के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जानी है, जिसके लिए शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार विज्ञापन जारी किया गया था. इन भर्तियों में दिव्यांगों के लिए निशक्तता के आधार पर अलग-अलग पद आरक्षित किए गए थे. प्राप्त आवेदनों की जानकारी भी जेडी कार्यालय भेज दी गई है. वहां से आगे के लिए जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार, आवेदकों की जानकारी भी साझा की जाएगी.”दृष्टिबाधित आवेदकों ने लगाई हैं ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतियांबता दें कि भिंड नगर पालिका द्वारा मंगाए गए आवेदनों में आरक्षित दृष्टिबाधित दिव्यांग ड्राइवर के पद के लिए 22 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनमें स्थाई पद के लिए 16 और संविदा वर्ग में आरक्षित दृष्टिबाधित दिव्यांग ड्राइवर के पद के लिए 6 आवेदन प्राप्त हुए. लेकिन बड़ी बात यह है कि ऐसे आवेदन कर्ताओं को ड्राइविंग लाइसेंस कैसे जारी हुए? क्योंकि दृष्टिबाधित या दृष्टि से कमज़ोर लोगों को रोड सेफ़्टी नियमों के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाता है. इन आवेदनों में ड्राइविंग लाइसेंस लगाना अनिवार्य था. मिली जानकारी के अनुसार सभी आवेदनकर्ताओं ने ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतियां भी लगाई हैं.