रिपोर्ट.:सुनील त्रिपाठी
प्रतापगढ़ । लोकपाल मनरेगा समाज शेखर ने प्रभु श्री राम वन गमन मार्ग पर स्थित अति प्राचीन मोक्षदा जल धारा का स्थलीय भ्रमण कर निरीक्षण किया। उन्होंने सम्बंधित ग्राम पंचायतो व विकास खण्ड को धारा सहित आस पास के प्राकृतिक संसाधनो के संरक्षण व विकास हेतु सुझाव दिया। लोकपाल समाज शेखर ने विधायक सदर राजेन्द्र मौर्य से वार्ता कर मोक्षदा जल धारा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की उनकी योजना से अवगत हुए और ज़मीनी कार्य हेतु मनरेगा योजना को सहयोगी बनने का सुझाव भी दिया।
लोकपाल समाज शेखर द्वारा बुधवार को पट्टी व सदर तहसील के आंवला नगरी गोडे के पीछे स्थित अति प्राचीन अद्भुत “मोक्षदा” जल धारा की स्थित से रूबरू होने स्थानीय ग्राम पंचायतो ताथा सामाजिक संगठनो व व्यक्तित्व के साथ भ्रमण कर अपेक्षित कार्यो का चिन्हांकन किया गया । विधायक प्रतिनिधि अरुण मौर्य सहित ग्राम पंचायत प्रतिनिधियो की उपस्थिती में तय हुआ की सम्बंधित सभी तीनो ब्लाक सदर , मंगरौरा व सड़वा चन्द्रिका की संबंधित सभी ग्राम पंचायत की सन्युक्त स्थलीय बैठक ज़िलाधिकारी महोदय के मार्गदर्शन में विकास बिभाग द्वारा आयोजित करके कार्य योजना बनाकर ठोस प्रभावी व व्यवहारिक कदम उठाये जायेंगे। स्थलीय बैठक में जन प्रतिनिधि गण , विकास बिभाग सहित सम्बंधित बिभागो के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर मोक्षदा जल धारा क्षेत्र के प्राचीन प्राकृतिक संसाधनो का संरक्षण व पर्यटन विकास कार्य हेतु योजना बनाकार मूर्त स्वरूप दिया जायेगा । वहीं लोकपाल समाज शेखर 14 फरवरी को बाबा बेलखरनाथ धाम के पूरे दोनई ग्राम पंचायत से आई शिकायतों का निस्तारण करेंगे।
ज्ञातव्य हो की सामाजिक कार्यकर्ता समाज शेखर के मार्गदर्शन में इस प्राचीन जल धारा का विकास व संरक्षण कार्य क्षेत्रीय समाज के युवा कार्यकर्ताओ द्वारा २०१७ से निरंतर जारी है। 2018 में तत्कालीन डी एम शंभु कुमार व सीडीओ राज कमल जी के संरक्षण में जल धारा की जरूरी खुदाई, पौधरोपण व २ चेक डैम का निर्माण हुआ है। आसपास जल भरण क्षेत्र व खेती का भी विकास निरंतर जारी है। विधायक सदर द्वारा भी उक्त स्थल के पर्यटन विकास हेतु योजना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संग्रामपुर, कमास , नरहरपुर, सूर्यगढ़ व गोंडे ग्राम के पंचायत प्रतिनिधि व मोक्षदा विकास समिति के संयोजक श्लोक मिश्र, पर्यावरण कार्यकर्ता सुंदरम तिवारी, राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के बरिष्ठ पदाधिकारी कार्तिकेय द्विवेदी व यथार्थ शेखर सहित प्रमुख कार्यकर्ता शामिल रहे।