इंदौर। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की गंभीर घटनाओं का खुलासा हुआ है, जिसने संस्थान में अनुशासन और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 2024 बैच के जूनियर छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर आरोप लगाया कि सीनियर छात्रों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस पोस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव को टैग किया गया, जिसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने जांच समिति गठित की और अधिकारियों को हॉस्टल भेजा। बुधवार को टीम ने हॉस्टल वॉर्डन और मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों से पूछताछ की।
नशे में धुत होकर मारपीट
आरोपों के मुताबिक, रात 10:30 बजे से सुबह 5-6 बजे तक छात्रों को सिर झुकाकर खड़े रहने पर मजबूर किया जाता है। सीनियर्स, जो अक्सर नशे में होते हैं, छात्रों के साथ मारपीट करते हैं और उन्हें छत पर असहज कपड़े पहनकर खड़े रहने को कहते हैं। छात्रों ने दावा किया है कि उन्हें लगातार 6-6 घंटे तक छत पर खड़ा रखा जाता है, जहां सीनियर्स उन्हें पीटते रहते हैं। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस उत्पीड़न की वजह से 30 छात्रों ने हॉस्टल छोड़ दिया। एक छात्र ने कहा कि अगर शहर में कहीं “रावण की लंका” है, तो वह कॉलेज का बॉयज हॉस्टल है।
हॉस्टल वॉर्डन का बयान – ‘लिखित शिकायत नहीं मिली’
हॉस्टल वॉर्डन राजेंद्र मार्को ने कहा कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, एक गुमनाम फोन कॉल मिलने के बाद सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। पूर्व डीन संजय दीक्षित ने बताया कि रिटायरमेंट से पहले उनके कार्यकाल में ऐसी शिकायत आई थी। इसके बाद एंटी-रैगिंग कमेटी बनाई गई, लेकिन जांच के दौरान किसी भी छात्र ने न तो लिखित और न ही मौखिक रूप से शिकायत दर्ज कराई।
पीएम और सीएम को टैग कर मांगी मदद
इस मामले में ‘Indian Doctor’ नामक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी गई है। शिकायत के साथ कई तस्वीरें भी साझा की गई हैं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की बताया गया है।