उरई । जालौन में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक मौरंग खंड संचालित है जहां सुरक्षा के दृष्टि से असलहों की जरूरत होती भारी भरकम नकदी के सुरक्षा भी करनी पड़ती है । यह वर्षों से हो रहा है मौजूदा दौर में भी शामिल है कभी भी जिला प्रशासन ने यह विचार नहीं किया कि हो असलहे मौरंग खंडों में प्रयोग किए जा रहे है उनकी वैधता है या नहीं ऐसा भी नहीं कि असलहों से घटनाएं न हुई हो अभी एक वर्ष के अंदर आधा दर्जन घटनाएं हुई भी जिसमें दो हत्याएं शामिल है मुकदमा पंजीकृत तो गया लेकिन यह मालूम नहीं किया कि जिस असलहे से मौत हुई है वो कहां है मौरंग खंड संचालक की सेटिंग इतनी बड़ी होती है कि पूरा थाना पानी भरते नजर आता है वहां ड्यूटी निभा रहे कई लोग ऐसे है जो पुलिस की लिस्ट में वांटेड है कई हिस्ट्रीशीटर है जो मौरंग खंड को संचालित कराने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे है । जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन कानून का पालन कराने के लिए कमर कस ले तो जो मौरंग खंडों पर अवैध असलहे लेकर अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे है जो वारदात करने में नहीं चूकते है मौरंग खंडों पर यदि समय समय पर असलहों की चेकिंग अभियान चलाया जाय तो वहां रहने वालों में खौफ पैदा होगा इसके अलावा पट्टा संचालक को जिला प्रशासन द्वारा आगाह करना चाहिए कि स्वीकृत मौरंग खंड की सीमा में कोई अवैध हथियार मिला तो उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत होगा यदि प्रशासन का डर पैदा नहीं होगा तो अवैध हथियारों की खेफ ख़ेफ और बड़ी होती जाएगी भाजपा सरकार में यह मुमकिन है क्योंकि इस सरकार में अपराध से समझौता नहीं है और न ही अपराधी के लिए जेल सिवाय कोई स्थान अभी हाल ही में कालपी तहसील के कदौरा के मौरंग खंड में एक हिस्ट्रीशीटर मौरंग खंड के सुरक्षा में लगे लोगों में पकड़ा जिसके पास अवैध हथियार मिला बताया यह भी जा रहा है कि यह व्यक्ति पूर्व में मौरंग खंड में सुरक्षा का कार्य करता था किसी बात को लेकर विवाद हुआ जिसके चलते इसको थाने में मुकदमा पंजीकृत कराकर गिरफ्तार कराया गया इसके बचाव में एक स्वयं सेवक संगठन में आज जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई ।