भोपाल । देश की जानीमानी साहित्यकार कुसुम सिंह “अविचल” के निवास पर एक गरिमामयी काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस साहित्यिक आयोजन ने भोपाल के काव्य प्रेमियों को एक अविस्मरणीय संध्या प्रदान की, जिसमें शहर के प्रतिष्ठित कवि-साहित्यकारों ने अपनी ओजस्वी रचनाओं से रसिक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार ऋषि श्रृंगारी ने की, जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ व्यंग्यकार, लेखक एवं प्रखर वक्ता राजेंद्र गट्टानी उपस्थित रहे। इस काव्य संध्या का कुशल संचालन युवा सशक्त गीतकार सत्यदेव सोनी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुआ, जिसके उपरांत मुग्धा सोनी ने अपनी मधुर वाणी वंदना से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
इस काव्य गोष्ठी में साहित्य जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे, वरिष्ठ गजलकार हरि वल्लभ शर्मा ‘हरि’, कवयित्री सीमा हरि शर्मा, कवि-लेखिका कान्ति श्रीवास्तव, सुप्रसिद्ध कवयित्री अभिलाषा श्रीवास्तव ‘अनुभूति’, कवयित्री आभा चंद्रा, साहित्यकार रूपाली सक्सेना, कवयित्री मुग्धा सोनी, प्रखर कवि धर्मदेव सिंह सहित अन्य साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
बाल कवियों ने बटोरीं तालियां:
इस काव्य संध्या की विशेष आकर्षण रहीं बाल कवयित्री जिया श्रीवास्तव एवं बाल महाकवि मास्टर सत्यदेव सोनी, जिन्होंने अपनी ओजस्वी प्रस्तुतियों से सभी को चकित कर दिया।
सजी शब्दों की अनमोल शाम :
इस काव्य गोष्ठी के दौरान प्रस्तुत किए गए गीत, गजल और कविताओं ने कार्यक्रम को उत्कृष्टता की ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुतियों ने साहित्य प्रेमियों के हृदय में अपनी गहरी छाप छोड़ी।
साहित्यकारों का किया आत्मीय स्वागत :
इस काव्य गोष्ठी की आयोजिका कुसुम सिंह ‘अविचल’ ने सभी अतिथियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उनका विशेष सम्मान किया। तीन घंटे तक चली इस आनंदमयी गोष्ठी का समापन साहित्यिक चर्चा, सौहार्दपूर्ण संवाद एवं शिष्टाचार जलपान के साथ हुआ। इस भव्य आयोजन की स्मृतियाँ लाइव प्रसारण एवं लिए गए छायाचित्रों में संजोई गईं, जो इस ऐतिहासिक काव्य संध्या की भव्यता को दर्शाती हैं। ऐसी अद्भुत साहित्यिक गोष्ठियाँ निरंतर होती रहें, यही सभी साहित्य प्रेमियों की अभिलाषा है।