सुनील त्रिपाठी/ रविंद्र आर्य
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
इजराइल : भारतीय मूल के पुष्कर निवासी कालू बाबा का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जो विभिन्न संस्कृतियों के मेल का उदाहरण है। पुष्कर, राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले कालू बाबा वर्षों पहले इज़राइल आ गए थे। वहां, उन्होंने एक रेस्टोरेंट की शुरुआत की, जो धीरे-धीरे सैनिकों के बीच एक लोकप्रिय स्थल बन गया। उनका यह रेस्टोरेंट इज़राइल के उन सैनिकों के लिए खास है जो लेबनान और सीरिया के सीमा क्षेत्र पर तैनात रहते हैं। यहाँ, कालू बाबा उन सैनिकों के लिए अपने रेस्टोरेंट में भारतीय व्यंजन और घर जैसा माहौल प्रदान करते हैं।
कालू बाबा का उद्देश्य सिर्फ व्यवसाय करना नहीं है, बल्कि वे उन सैनिकों की सेवा को एक कर्तव्य के रूप में देखते हैं जो कठिन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। उनकी महिला साथी “लिटाल”, जो कि इज़राइली मूल की हैं, उनका इस कार्य में पूरा सहयोग करती हैं। दोनों मिलकर न सिर्फ व्यंजनों के जरिए बल्कि अपने आत्मीय व्यवहार से भी सैनिकों का मनोबल बढ़ाते हैं।
कई सालों से कालू बाबा और उनकी इजराइली महिला साथी लिटाल सीमावर्ती क्षेत्र में रह रहे थे, जहां परिस्थितियाँ अक्सर चुनौतीपूर्ण होती हैं। यहाँ का माहौल कभी भी तनावपूर्ण हो सकता है, खासकर सीमा पर तैनात सैनिकों की अनिश्चित स्थिति के कारण। लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद, कालू बाबा का समर्पण और सेवा की भावना उन्हें हर दिन मजबूती देती है। उन्होंने इज़राइल की संस्कृति को अपनाया है, और साथ ही अपने भारतीय मूल और परंपराओं को भी जीवंत रखा है, जिससे वे दोनों देशों के लोगों के बीच एक सेतु का काम कर रहे हैं।
पुष्कर के सुमित शर्मा, जिन्हें ‘कालू बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा 100% शाकाहारी राजस्थानी ‘थाली’ परोसी जा रही है।
पिछले 8-10 सालों से इजरायल में रह रहे सुमित शर्मा ने बताया कि हर दिन 150 सैनिकों को खाना परोसा जा रहा है। देश में युद्ध, मौतें और तबाही के बावजूद सुमित ने वहां से जाने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा, “मैं उस देश को कैसे छोड़ सकता हूं जिसने मुझे इतना कुछ दिया है? यहां के लोग नियमित रूप से राजस्थानी भोजन खाते हैं और मुझे उन्हें भोजन परोसकर खुशी होती है। आज इजरायल पर हमास द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस दुख की घड़ी में मुझे देश छोड़ने का मन नहीं कर रहा है।”
सुमित शर्मा राजस्थान के पुष्कर से ‘कालू बाबा’ के नाम से मशहूर हैं। वे 2013 में इजराइल आए थे और गोलान क्षेत्र में रेस्टोरेंट चलाते हैं। उनका शादी का विचार भी इजराइल मे यहूदी परिवार मे करने का है।
कालू बाबा की साथी लिटाल नाम की इज़राइली महिला, जो लेबनान की सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात इज़राइली सैनिकों के लिए भारतीय खाना बनाने को लेकर चर्चित रही, एक अनोखी कहानी है। वह भारतीय भोजन की प्रशंसक बन गईं और इस कला को सैनिकों के बीच ले आईं। उनके इस प्रयास ने भारतीय और इज़राइली संस्कृति के बीच एक अनोखा सेतु बनाया।
लिटाल की यह पहल उस क्षेत्र में तैनात इज़राइली सैनिकों के बीच काफी सराही गई, जहां वे अपने देश से दूर रहकर काम कर रहे थे। भारतीय भोजन की विविधता और स्वाद ने सैनिकों के भोजन अनुभव को खास बना दिया। उनके द्वारा बनाए गए भारतीय व्यंजन जैसे कि करी, राजस्थानी थाली, वेज बिरयानी, और नान ने इज़राइली सैनिकों के दिल में एक अलग जगह बनाई।
यह कहानी भारत और इज़राइल के बीच सांस्कृतिक संबंधों और लोगों के आपसी सहयोग का प्रतीक है। लिटाल के इस योगदान के कारण न केवल उन्होंने सैनिकों का दिल जीता, बल्कि भारतीय भोजन की लोकप्रियता को भी एक नए स्तर पर पहुँचाया।युद्ध के समय से लेबनान ओर सीरिया सीमाक्षेत्र मे अपना रेस्टोरेंट चलाते थे। अब वह अपना न्यू रेस्टोरेंट कालू बाबा के नाम से तेल अविव मे खोलने जा रहे है।