इंदौर। यूनियन कार्बाइड का 337 टन जहरीला कचरा निस्तारण के लिए भोपाल से पीथमपुर लाने की कवायद के बीच नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर या पीथमपुर की सेहत के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
जब तक जनप्रतिनिधि इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाते कि इस कचरे से नागरिकों के स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं है, तब तक इसे पीथमपुर नहीं आने देंगे। वहीं गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री विजय शाह का कहना है कि यह प्रक्रिया न्यायालय के आदेश पर पूरी की जा रही है।
जहरीला कचरा दूसरे ट्रकों में भर दिया गया
जिसे भी आपत्ति हो, वह न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखे। इधर, कचरा शिफ्टिंग के विरुद्ध हाई कोर्ट में एमजीएम मेडिकल कालेज एलुमनाई एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर करने वाले अभिनव धनोतकर ने आरोप लगाया कि जिन ट्रकों के जरिये कचरा शिफ्ट किया जाना है, सरकार ने उनके नंबर हाई कोर्ट में दिए थे, लेकिन जहरीला कचरा दूसरे ट्रकों में भर दिया गया। जिनमें कचरा भरा गया है, उन ट्रकों के नंबर अलग हैं।
मंत्री विजय शाह ने कहा- उच्च न्यायालय के आदेश पर ही पीथमपुर भेज रहे
इधर गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री विजय शाह का कहना है कि कचरा निष्पादन की कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश पर की जा रही है। आदेश का पालन करते हुए ही अधिकारी कार्य में जुटे हैं। इसमें केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी शामिल है। अब अगर किसी को इस प्रक्रिया पर आपत्ति है तो वह न्यायालय के समक्ष जा सकता है।
12 कंटेनरों में भेजा जाएगा 5 प्रकार का कचरा
बता दें कि फैक्ट्री के अंदर करीब 337 मीट्रिक टन कचरा थैलियों में भरा था. इस कचरे को अब पीथमपुर ले जाने के लिए जंबो बैग में भरकर 12 कंटेनरों में लोड किया गया है. इसमें 5 प्रकार के कचरे को अलग-अलग ले जाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में रिएक्टर से निकले अवशेष, सीवन अवशेष, नेफ्थाल अवशेष और कीटनाशक बनाने की प्रक्रिया के दौरान प्रोसेस करने से बचा हुआ केमिकल शामिल है. इसके साथ ही यूका यानि यूनियन कार्बाइड परिसर में बिखरे हुए कचरे को इकट्ठा करने के साथ उस समय परिसर की मिट्टी को भी इकट्ठा किया गया.
मिट्टी और धूल की भी होगी टेस्टिंग
गैस राहत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यूनियन कार्बाइड परिसर के तीन स्थानों पर वायु गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के लिए उपकरण लगाए हैं. इनसे पीएम 10 व पीएम 2.5 के साथ नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड आदि की जांच की जा रही है. वहीं कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी. यदि कहीं कचरा गिरा है, तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा. इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टिंग होगी. बता दें कि यूका की 87 एकड़ जमीन में से 30 एकड़ पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. 57 एकड़ में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री बनी हुई है.