केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘इंडियन स्टेट’ (भारतीय राज व्यवस्था) से लड़ रहे हैं संबंधी टिप्पणी को लेकर गुरुवार को उनकी आलोचना की और कहा कि उनके विवादास्पद बयान से विपक्षी दल बेनकाब हो गया। सिंधिया ने कहा कि आतंकवादी और नक्सली ही भारत के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने गांधी की उन टिप्पणियों के लिए उन पर निशाना साधा, जो कांग्रेस सांसद ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला करते हुए की थीं।
राहुल गांधी के बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी लंबा चौड़ा पोस्ट किया. उन्होंने लिखा ‘क्या हमें आश्चर्य होना चाहिए? सेब पेड़ से बहुत दूर नहीं गिरा है!. राहुल गांधी का ‘भारतीय राज्य के साथ युद्ध में’ होने का अपमानजनक दावा न केवल गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि राष्ट्र की आत्मा पर हमला है. विपक्ष के नेता की इस तरह की टिप्पणी छह महीने पहले ली गई उनकी शपथ और उस लाल किताब के साथ विश्वासघात को उजागर करती है जिसका वे पालन करने का दिखावा करते हैं, यह उन लोगों द्वारा किए गए बलिदानों के साथ विश्वासघात है जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं और हर नागरिक जो लोकतंत्र के वादे में विश्वास करता है.’
नफरत का सामान बिक नहीं रहा’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा ‘लेकिन हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए, नेता एक बार फिर अपने परिवार की विरासत को जारी रख रहे हैं, जिसमें संविधान को ‘पॉकेट डायरी’ की तरह इस्तेमाल किया जाता है, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इसके अधिकार को कम करके आंका जाता है. अब समय आ गया है कि कांग्रेस पूरे देश को जवाब दे: क्या वह अपने प्रिय नेता के इस देशद्रोही व्यवहार के साथ खड़ा है? क्या उनकी ‘मोहब्बत की दुकान’ में ‘नफरत का सामान’ नहीं बिक रहा?.’
क्या था राहुल गांधी का बयान
दरअसल, दिल्ली में बुधवार कांग्रेस पार्टी के नए राष्ट्रीय कार्यालय का उदघाटन हुआ है. इस दौरान राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दिया जिस पर देश में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. राहुल गांधी ने कहा ‘बीजेपी और आरएसएस ने देश की सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है, लेकिन कांग्रेस केवल भाजपा से नहीं बल्कि RSS और इंडियन स्टेट यानि भारत सरकार से भी लड़ाई लड़ रही है.’ राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के नेताओं ने निशाना साधना शुरू कर दिया है. खास बात यह है कि इस मामले में देश की दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी अब तक कुछ नहीं कहा है. जिससे राहुल के बयान पर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी घमासान दिख रहा है.