जीतू पटवारी हमारी लड़ाई निर्मला से नहीं है, हमारी लड़ाई BJP के भ्रष्टाचारी चरित्र से है’
मध्य प्रदेश के सागर के बीना में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी शामिल हुए, जहां उन्होंने बीना की सिंधी धर्मशाला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ली और उन्हें मंच से संबोधित किया. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई विधायक निर्मला सप्रे और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा, जीतू पटवारी ने कहा बीजेपी लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है विधायकों की खरीद फ़रोखत करके ,बीना की जनता ने वोट दिया, विश्वास किया. विधायक बनाया.
पटवारी ने कहा- भाजपा की सरकार बनी विधायक का धर्म था सरकार से जनता की लड़ाई लड़ें. विधायक को पैसे दिए और अपने साथ ले लिया. मंत्री गोविंद सिंह बीजेपी में ऐसे ही गए, लोकतंत्र का चीरहरण किया. चीरहरण करने वालों के खिलाफ यह शंखनाद है. भारतीय जनता पार्टी पागल हाथी की तरह हो गई है एक तरह से रौंद रही है जनता को, किसी को कुछ नहीं समझती, मर्यादा क्या होती है कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर मुकदमे लगवाना कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को डराना ,पुलिस का उपयोग करना, यह उनका चरित्र बन गया उसके बाद भी कांग्रेसी खड़े रहते हैं.
जीतू पटवारी ने बीना विधायक निर्मला सप्रे पर जमकर निशाना साधा और चुनाव में हार के डर से इस्तीफा न देने का आरोप लगाया। साथ ही बीडी शर्मा और सीएम को चुनौती दी कि चुनाव में बीना से कांग्रेस जीतेगी। इसलिए भाजपा निर्मला सप्रे का इस्तीफा नहीं करा रही।
कांग्रेस ने निर्मला सप्रे को टिकट देकर चुनाव जिताया और अब वह बता नहीं पा रही हैं कि भाजपा में हैं या कांग्रेस में। अब उन्हें बीजेपी से डर लग रहा है, क्योंकि माल ले लिया है। कांग्रेस से जा नहीं सकती हैं, क्योंकि चुनाव हार जाएंगी। एक या दो महीने में उनकी विधायकी तो लेकर ही रहेंगे, छोड़ेंगे नहीं, चाहे किसी भी बड़े से बड़े कोर्ट में जाना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई निर्मला सप्रे से नहीं भाजपा पार्टी, संगठन से है।
निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की है मांग : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे भाजपा से जुड़ गई थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव में सागर से भाजपा उम्मीदवार का प्रचार प्रचार भी किया था। जबकि वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा की सदस्यता को रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से लेकर हाईकोर्ट तक अपील की है।