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15 Jan 2025, Wed

कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन आज:24 अकबर रोड से शिफ्ट होगा कांग्रेस मुख्यालय, 46 साल बाद नया पता 9A कोटला रोड

सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने वर्तमान मुख्यालय ’24, अकबर रोड’ को फिलहाल खाली नहीं करेगी, जो 1978 में कांग्रेस (आई) के गठन के बाद से इसका मुख्यालय रहा है

24, अकबर रोड… कांग्रेस पार्टी का दफ्तर। करीब 46 साल बाद यह पता 15 जनवरी यानी आज से बदल जाएगा। नया पता ‘इंदिरा गांधी भवन’ 9A, कोटला रोड होगा। यह दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय से करीब 500 मीटर दूर है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत पार्टी के 400 से ज्यादा नेताओं की उपस्थिति में सुबह 10 बजे इसका उद्घाटन होगा। इसकी आधारशिला 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने रखी थी। 15 साल बाद यह बनकर तैयार हुआ है।

भाजपा की वजह से दूसरी बार एंट्री पॉइंट बदला कांग्रेस के नए ऑफिस का मेन एंट्रेंस बदल सामने नहीं बल्कि पीछे के दरवाजे से है। इसकी वजह भाजपा है। दरअसल, ऑफिस का फ्रंट एंट्रेंस दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर है। ऐसे में एड्रेस पर यह नाम आता, इसलिए पार्टी ने फ्रंट एंट्रेंस के बजाय बैकडोर एंट्री यानी पिछले दरवाजे से एंट्रेंस चुना, जो कोटला रोड पर खुलता है।

70 के दशक में कांग्रेस का ऑफिस डॉ. राजेंद्र प्रसाद रोड पर था। इसका एड्रेस 3, रायसीना रोड था। इसके ठीक सामने 6, रायसीना रोड पर अटल बिहारी वाजपेयी रहा करते थे, इसलिए कांग्रेस ने यहां भी बैकडोर एंट्री चुनी थी।

1978 में कांग्रेस में टूट के बाद ऑफिस पार्टी सांसद जी वेंकटस्वामी को अलॉट बंगले 24, अकबर रोड में शिफ्ट किया गया था। तब से अब तक यह कांग्रेस मुख्यालय का पता रहा।

सुप्रीम कोर्ट ने दफ्तर बदलने का निर्देश दिया था सुप्रीम कोर्ट ने लुटियंस जोन में भीड़-भाड़ की वजह से सभी पार्टियों को अपना दफ्तर बदलने का निर्देश दिया था। इसके बाद सबसे पहले भाजपा ने 2018 में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर अपना ऑफिस बनाया।

कांग्रेस ने भी अपना नया ठिकाना भाजपा के पड़ोस में ढूंढा। मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा ने ऑफिस बनाने में 700 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

कांग्रेस के लिए खास है 24 अकबर रोड

24 अकबर रोड कांग्रेस का दफ्तर 1978 में उस वक्त बना, जब पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी लोकसभा का चुनाव हार गई थी और तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे थे। ऐसे समय में 1980 के चुनाव में भारी बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सत्ता में फिर वापसी हुई थी।

By archana

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