झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु वार्ड में रात लगभग 10:00 बजे आग लग गई. जिस समय आग लगी उस समय वार्ड में लगभग 54 बच्चे भर्ती थे. आग लगते ही जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया. मौके पर फायर विभाग की दो गाड़ियां पहुंची. कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग लगने की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह, मंडलायुक्त विमल दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे. सभी नवजात शिशुओं को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया. जानकारी के अनुसार वार्ड में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी थी. मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार ने इसे बहुत ही गंभीरता के साथ लिया है। 10 बच्चों की बहुत ही दुखद मृत्यु हुई है। हम सब लोग परिजनों के साथ मिलकर बच्चों को आईडेंटिफाई कर रहे हैं। घटना के जांच के उच्च स्तरीय आदेश दिए गए हैं पहले जांच शासन स्तर से होगी जो हेल्थ डिपार्टमेंट करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन फायर विभाग की टीम ओर तीसरी मजिस्ट्रेट जांच के लिए भी आदेश दिए गए हैं। हर स्थिति में घटना के कारण का पता लगाया जायेगा। जो भी कारण होंगे वह प्रदेश की जनता के समक्ष आपके माध्यम से रखेंगे। सबसे बड़ी बात यह है की घटना कैसे हुई और किन कारणो से हुई और यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो उसकी जिम्मेदारी भी हम तय करेंगे और कड़ी कार्रवाई भी करेंगे। किसी को छोड़ेंगे नहीं ।
वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा उस समय आवभगत की की जा रही थी जब सैकड़ों परिजनों की चीखे अपनो को खोने के ग़म में निकल रहीं थी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा सफेद चूना डालकर उनको खुश करने का काम किया जा रहा था ।हालांकि बाद में ब्रजेश पाठक ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि चूना डालने के लिए किसने आदेश दिया इसको देखा जाएगा बाद में कार्रवाई का भरोसा मीडिया को दिया