Breaking
26 Dec 2024, Thu

गुलगांव चौराहा शौचालय निस्तार विहीन खुले में करना पड़ता निस्तार 

अरुण कुमार शेंडे

रायसेन ऐतिहासिक नगरी सांची सांची वैसे तो इस स्थल को पर्यटन की प्रमुख श्रंखला मे गिना जाता है इसके विकास की बडी बडी बातें तब खोखली दिखाई देती हैं जब नगर के व्यस्ततम क्षेत्र ही मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते दिखाई देते है लोगों की मांग भी पूरी नहीं हो पाती जिसका खामियाजा नगर सहित सभी इस स्थान पर आने जाने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है वैसे तो इस स्थल को विश्व का एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है इस स्थल पर जन प्रति निधियों प्रशासन मे बैठे लोग विकास की बडी बडी बातें करते दिखाई देते है तथा बडे बडी सौगात की बातें सुनने देखने को मिल जाती हैं परंतु इस स्थल पर आम नागरिक अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करता दिखाई देता है ऐसे अनेक व्यस्तम क्षेत्र है जहाँ अपनी मूलभूत सुविधाएं पाने तरस रहे हैं हालांकि इस स्थल के विकास पर लाखो करोड़ों रुपये खर्च हो चुके है बावजूद जमीनी हकीकत पर लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करना पड रही हैं जबकि सरकारें खुले में शौच निस्तार पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मंशा जता चुकी हैं तथा घर घर शौचालय निर्माण कर खुले मे शौच से मुक्ति दिलाने की कवायद कर चुकी हैं बावजूद आज भी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की इस ऐतिहासिक स्थल पर दरकार बनी हुई है इस ओर न तो प्रसासनिक न ही जनप्रतिनिधियों की नजर पहुंच पा रही हैं हालांकि ऐसा भी नहीं है कि इस मूलभूत सुविधाओं की नागरिकों ने मांग न उडाई हो ।परन्तु नागरिकों की मांग भी दरकिनार हो रही हैं इस स्थल का गुलगांव चौराहा एक प्रमुख व्यस्तम चौराहा माना जाता है इस चौराहे से लगभग पचास गांव के लोगों का आना जाना लगा रहता है इसके साथ ही इस चौराहे से ही गुजर कर पर्यटकों को उदयगिरि पर्यटन स्थल की गुफाओं से रूबरू होने पहुंचना पडता है तब इस चौराहे पर कहीं भी कोईन तो सार्वजनिक शौचालय न ही कहीं कोई मूत्रालय की ही व्यवस्था हो सकी है जिससे लोगों को खुले में निस्तार करने पर मजबूर होना पडता है इस स्थल को तब शर्मिंदा होना पडता हैं जब व्यवस्था न होने से खुले में महिलाओं को खासी परेशानी उठाने पर मजबूर होती हैं ।इस मामले में स्थानीय संजय कुमार वर्मा ने बताया कि हमने अनेक बार स्थानीय प्रशासन से इस व्यस्तम चौराहे पर सार्वजनिक शौच एवं मूत्रालय की मांग की परन्तु कोई सुनने देखने को ही तैयार नहीं दिखाई देता जिसका खामियाजा लोगो को उठाने पर मजबूर होना पडता है ऐसा ही लख्खी शाहनी व्यापारी ने बताया है कि इस व्यस्तम चौराहे पर सार्वजनिक शौच निर्मित होना चाहिए ऐसे अन्य क्षेत्र भी है जो व्यस्तम होने के साथ ऐसी मूलभूत सुविधाओं की लगातार दरकार बनी हुई है इनमें बसस्टैंड परिसर जहाँ कोई न तो मूत्रालय न ही सार्वजनिक निशुल्क शौचालय ही है सामुदायिक शौचालय भी दूर होने के कारण लोग अपने व्यवसाय छोड़ नहीं पहुंच पाते है हालांकि पूर्व में इस परिसर में शौचालय हुआ करता था परंतु प्रशासन द्वारा उसे भी ढहा दिया गया तबसे लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही हैं यहां भी महिलाओं को खुले में निस्तार के लिए मजबूर होना पडता हैं तब आसानी से इस ऐतिहासिक स्थल पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो चुका है

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *