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22 Feb 2025, Sat

दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में ‘शिउली की गंध’ का भव्य विमोचन* रविन्द्र आर्य, प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पुस्तक का लोकार्पण किया..

रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी

नई दिल्ली,। नई दिल्ली के प्रगति मैदान – पुस्तक प्रेमियों के सबसे बड़े समागमों में से एक, दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। इस प्रतिष्ठित आयोजन के दौरान, राजकमल प्रकाशन ने प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन द्वारा लिखित नवीनतम लघु कथा संग्रह, शिउली की गंध का विमोचन किया। पुस्तक का आधिकारिक रूप से विमोचन भी प्रख्यात बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने किया, जिन्होंने लेखक के महत्वपूर्ण साहित्यिक योगदान की प्रशंसा की।

भारतीय लोक संस्कृति की संवेदनशीलता को दर्शाती कहानियाँ

शिउली की गंध भारतीय लोक संस्कृति में गहराई से निहित लघु कथाओं का एक संग्रह है, जो समाज, परंपराओं और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को चित्रित करती है। पुस्तक ग्रामीण जीवन की सादगी, सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोक कथाओं को खूबसूरती से समेटे हुए है। इन कहानियों के माध्यम से लेखक ने उन मूल्यों को संरक्षित करने का गंभीर प्रयास किया है जो आधुनिक समय में धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।

तस्लीमा नसरीन ने अनुवादक की प्रशंसा की

पुस्तक विमोचन के अवसर पर बोलते हुए, तस्लीमा नसरीन ने कहा:”शिउली की गंध बचपन की यादों, परंपराओं और समाज की भावनाओं का प्रतिबिंब है। इस संग्रह में भारतीय लोक संस्कृति का सार मौजूद है। अनुवादक उत्पल बनर्जी ने जिस तरह से इसकी गहराई और संवेदनशीलता को पकड़ा है, वह वाकई सराहनीय है। यह पुस्तक निस्संदेह पाठकों के दिलों को छू लेगी।”

उपस्थित प्रमुख साहित्यकार

कार्यक्रम का आयोजन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल ‘जलसाधार’ (एल-06, हॉल नंबर 3) पर किया गया। इस अवसर पर साहित्य जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें प्रसिद्ध लेखक मनोज कुमार पांडे, अशोक माहेश्वरी, अनुवादक उत्पल बनर्जी और धर्मेंद्र सुशांत शामिल थे। सभी विशिष्ट अतिथियों ने लेखक के लेखन की प्रशंसा की और संग्रह को हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।

पाठकों ने उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया दी

पूरे विश्व पुस्तक मेले में शिउली की गंध ने पाठकों के बीच अपार उत्साह पैदा किया। कई पुस्तक प्रेमियों ने इसे एक ज़रूरी संग्रह बताया और अनुवादक की उल्लेखनीय शिल्पकला की सराहना की। पुस्तक खरीदने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक स्टॉल पर उमड़ पड़े, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह संग्रह साहित्य प्रेमियों के बीच एक विशेष स्थान हासिल करने के लिए तैयार है।

राजकमल प्रकाशन ने शुभकामनाएँ दीं

राजकमल प्रकाशन के प्रतिनिधियों ने इस आयोजन में तस्लीमा नसरीन की भूमिका की सराहना की और कहा:

“यह पुस्तक न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए एक अमूल्य निधि होगी, बल्कि लोक संस्कृति और समाज को समझने के इच्छुक पाठकों के लिए प्रेरणा का काम भी करेगी।”

‘शिउली की गंध’ – साहित्य प्रेमियों के लिए एक विशेष उपहार

इस विमोचन कार्यक्रम ने विश्व पुस्तक मेले में एक अनूठा साहित्यिक आकर्षण जोड़ा। यह संग्रह एक मूल्यवान साहित्यिक संपत्ति बनने के लिए तैयार है, जो न केवल किताबों की अलमारियों में जगह बनाएगी बल्कि पाठकों के दिलों पर एक अमिट छाप भी छोड़ेगी।

By archana

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