Pataudi House Bhopal News: भोपाल में पटौदी परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति अब सरकार के कब्जे में आ सकती है. शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत यह संपत्ति सरकार की हो सकती है. बता दें कि भोपाल में ऐतिहासिक रियासतों की संपत्तियों पर 2015 से रोक लगी हुई थी. हाईकोर्ट ने पटौदी परिवार को अपीलीय प्राधिकरण में अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया था. लेकिन पटौदी परिवार ने दिए गए समय में अपना पक्ष नहीं रखा. अब परिवार के पास आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती देने का विकल्प है.
पटौदी परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर स्टे हटा
दरअसल, भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहे स्टे को अब समाप्त कर दिया गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (जबलपुर) ने शत्रु संपत्ति के मामले में अभिनेता सैफ अली खान, मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान और पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को निर्देश दिया है कि वे शत्रु संपत्ति मामले में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखें. कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले का हल हो गया है और स्टे हटा लिया गया है.
परिवार ने नहीं रखा अपना पक्ष
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने परिवार को 30 दिन के भीतर अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. लेकिन पटौदी परिवार ने तय समय में अपना पक्ष नहीं रखा. यह अवधि अब समाप्त हो चुकी है और परिवार की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है. अब परिवार के पास इस आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती देने का ही एकमात्र विकल्प बचा है.
शत्रु संपत्ति अधिनियम क्या है
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में बनाया गया था. इसके तहत बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है.
शत्रु संपत्ति कानून के तहत आती है यह संपत्ति
स्टे हटने के बाद अब सरकार नवाब परिसर की संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के दायरे में लाकर 2015 के आदेश के तहत अपनी कस्टडी में ले सकती है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015 में यह स्पष्ट किया था कि नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वैध वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थीं, जो पाकिस्तान चली गई थीं. इसलिए यह संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के अंतर्गत आती है. हालांकि नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के वंशज (जैसे सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर) इस संपत्ति पर अपना दावा पेश कर रहे हैं.