सुनील त्रिपाठी /गणेश अग्रहरी
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
कौशांबी। उत्तर प्रदेश सरकार के अरबों खरबों रुपए खर्च करने के बाद भी मंझनपुर थाना क्षेत्र के शमशाबाद गांव निवासिनी मैकी पत्नी विश्वनाथ गौतम एक निर्धन और लाचार गरीब महिला है जबकि जनपद के अधिकारियों ने सरकार को कागजों में भरपूर आवास मुहैया दिखाया है फिर यह महिला आज आवास न पाने के कारण महिला को ठंड लग गई है जिससे महिला की सांसे चल रही है न बोल पा रही हैं न ही कुछ खा पी रही है आवास नहीं होने के कारण दूसरे के चबूतरे में सोया करती थी ।जिलाधिकारी से लेकर कई जगहों पर लिखित दिया गया फिर भी कोई आवास आज तक नहीं मिला। जबकि 25 वर्ष पहले महिला के पति की मृत्यु हो गई है। बच्चे छोटे थे तब से किसी तरह मजदूरी करके अपने बच्चों का है भरण पोषण करती रही आज बच्चे बड़े हो गए हैं वह भी मजदूरी से भरण पोषण करते हैं गरीबी के कारण कोई घर नहीं बनवा सके चार-पांच वर्ष से कच्चा घर गिरा हुआ है।
अब सवाल उठता है कि जिसके पास मकान नहीं है क्या वह व्यक्ति आवास पानी का पात्र नहीं है जो अधिकारियों के आंख में पट्टी चढ़ी हुई है आवास न पाने के कारण गरीबी के चलते अपने बच्चों का मोह छोड़कर घर में रहने की जगह न होने के कारण दूसरे के चबूतरे में गुजर बसर करने वाली महिला कि आज सांसे थम सकती है । हालांकि ग्रामीण उपचार करने के लिए एंबुलेंस के द्वारा जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे हैं अब देखना है कि वृद्ध महिला की जान बचती है या नहीं ।दोषी पाए जाने वाले अधिकारी लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान क्या आज तक इस महिला के घर को नहीं देखा क्या इस महिला से मुलाकात नहीं किया जो इस महिला को आज तक आवास मुहैया नहीं कराई गई जिससे ठंड के कारण महिला की जान अधोगति में लटका हुआ है।