ग्वालियर थाना क्षेत्र के गौसपुरा नंबर 1 में एक युवक ने अपनी मां सहित जहर खाकर खुदकुशी कर ली। पोस्टमार्टम के दौरान मृतक मनीष राजपूत की जेब से डॉक्टरों को सुसाइड नोट मिला है। जिसमें दोनों के स्वेच्छा से जहर खाने की बात लिखी थी। नोट में खुदकुशी के लिए किसी को भी दोषी भी नहीं ठहराया गया है।
जला दी थीं डिग्रियां, तोड़ दिया था लेपटॉप मृतक मनीष के पिता राजकुमार राजपूत (71) ने बताया कि उनके छोटे बेटे मनीष(33) ने बानमोर स्थित श्रीराम कॉलेज से इंजीनियरिंग (बीई कंप्यूटर साइंस) किया था। मगर करीब 6 साल से उसे कोई नौकरी ही नहीं मिल रही थी, वह नौकरी के लिए तैयारी भी कर रहा था।
ऐसे में वह डिप्रेशन में आकर 2 बार घर से भी भाग चुका था, मगर फिर वापस लौट आया। वहीं उसने एक बार गुस्से में आकर अपनी सभी डिग्रियां व अन्य डॉक्यूमेंट जला दिए थे। बाद में उन्हें डुप्लीकेट निकालना पड़ा। बुजुर्ग का कहना है कि उनकी पत्नी व बेटे ने क्यों खुदकुशी कर ली, पता नहीं है।
मां-बेटे की साथ उठी अर्थी, हर कोई रोया
मां राधा और बेटा मनीष के सुसाइड करने के बाद घर के आंगन में सजाई गई दोनों की अर्थी। जिसने देखा वही रोया।
चाय का ठेला लगाते हैं पिता, बेटे को आती थी शर्म गमगीन परिवार के साथ बैठे पप्पू गुर्जर ने बताया कि राजकुमार राजपूत जेसी मिल में नौकरी करते थे। मिल के बंद हो जाने के बाद उन्होंने चाय का ठेला लगाना शुरू कर दिया। उसी से अपने 2 लड़के और 2 लड़कियों को पढ़ाया। 3 बच्चों की शादी हो चुकी है, ऐसे में वे अलग रहते थे।
छोटा बेटा मनीष इस बात को लेकर अवसाद में रहता था कि वह बहुत पढ़ा-लिखा है, मगर नौकरी नहीं है। कोई छोटा-मोटा काम वह करना नहीं चाहता था। उसके पिता सिविल अस्पताल के सामने चाय का ठेला लगाते थे, मनीष इस बात को लेकर भी शर्मिंदगी महसूस करता था।
घर से 2 बार भागा, बोलता था ‘मैं ठेला नहीं लगा सकता’ पड़ोसियों ने बताया कि युवक नौकरी की टेंशन में दो बार घर से भाग चुका था। एक बार वह दो माह में लौटा, दूसरी बार 3 दिन में आ गया। वह बार-बार कहता था कि वह ठेला नहीं लगा सकता।
पड़ोसियों से नहीं होती थी बातचीत, दुखी रहता था पड़ोसियों ने बताया कि मनीष बहुत अधिक तनाव में रहता था। मोहल्ले में अपनी उम्र के युवकों से वह बातचीत नहीं करता था। इसका कारण अन्य युवकों की नौकरी के साथ शादी होना थी।