रिपोर्ट:सुनील त्रिपाठी/ रविंद्र आर्य
प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
दिल्ली: दिल्ली में आयोजित भव्य सनातन धर्म संसद में देशभर से प्रतिष्ठित धर्माचार्यों, संतों और समाजसेवियों ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक मंच पर सनातन धर्म की रक्षा, समाज सुधार और राष्ट्रीय एकता के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
समान नागरिक संहिता लागू हो (Uniform Civil Code):
“देश में समान नागरिक संहिता लागू होना समय की मांग है।” जैन आचार्य लोकेश मुनि ने समाज में एक समान कानून लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे धार्मिक भेदभाव समाप्त हो और समाज में समरसता बढ़े।
जनसंख्या नियंत्रण कानून:
“देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द लागू किया जाए।”
गीता मनीषी परम पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानंद महाराज ने जनसंख्या वृद्धि के कारण होने वाली सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को रेखांकित करते हुए इस कानून को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
ओं.टी.टी. प्लेटफॉर्म्स पर सनातन धर्म का मज़ाक:
“ओं.टी.टी. प्लेटफॉर्म्स पर सनातन धर्म का गलत चित्रण चिंता का विषय है।”परम पूज्य युवाचार्य श्री अभय दास जी महाराज ने इस पर कठोर नियम लागू करने की आवश्यकता जताई।
धार्मिक स्थलों पर भेदभाव:
“सरकारी नियंत्रण केवल मंदिरों पर क्यों? सभी धार्मिक स्थलों पर समान अधिकार और कानून लागू होना चाहिए।”महंत राजू दास ने धार्मिक स्थलों के अधिकारों की समानता की बात की।
सनातन बोर्ड की आवश्यकता:
“सनातन बोर्ड के गठन से हिंदू समाज में न एकता बिखरेगी, न समाज विभाजित होगा।”स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने सनातन बोर्ड को हिंदू समाज के संरक्षण और उत्थान का प्रमुख साधन बताया।
वक्फ बोर्ड पर आलोचना और हिंदू राष्ट्र की मांग:
साध्वी सरस्वती ने वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए इसकी तीव्र आलोचना की और हिंदू राष्ट्र की मांग को प्रमुखता से उठाया।
आध्यात्मिकता के माध्यम से हिन्दू समाज में एकता:
इशिका तनेजा ने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के महत्व को प्रोत्साहित करते हुए विचार रखे। उन्होंने सनातन धर्म के आदर्शों और मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, धर्म और आध्यात्मिकता के माध्यम से समाज में एकता और नैतिकता को पुनर्स्थापित करने का आह्वान किया।
कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा:
वेदांती महाराज और स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती महाराज ने कृष्ण जन्मभूमि पर ऐतिहासिक और न्यायसंगत निर्णय की आवश्यकता पर जोर दिया।
हिंदुओं की सुरक्षा:
“हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड का गठन अति आवश्यक है।”पूज्य दिनेश आचार्य महाराज ने यह बात स्पष्ट रूप से कही।
वक्फ में संशोधन होना चाहिए: चिदानन्द सरस्वती महाराज सनातन बोर्ड का गठन होना बहुत जरूरी है, इससे ही हिंदुओ की रक्षा होगी।
स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज सनातन बोर्ड की स्थापना होने से ना हिन्दू बटेंगे ना कटेंगे।
इस सभा का उद्देश्य सनातन धर्म के संरक्षण और प्रचार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना था, इस धर्म संसद में उठाए गए मुद्दे न केवल सनातन धर्म और हिंदू समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और राष्ट्र के भविष्य को भी प्रभावित करेंगे। सनातन बोर्ड का गठन हिंदू समाज की एकता, सुरक्षा और उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
साधु संतों द्वारा समर्थन और आश्वासन:
सनातन धर्म संसद में शामिल सभी संतों, धर्माचार्यों और सामाजिक नेताओं ने महाराज द्वारा उठाए गए बिंदुओं का समर्थन किया।जिसमे परम पूज्य कौशिक महाराज, श्री गोपाल मणि महाराज, संत शिरोमणि श्री सुतीक्ष्ण दास जी महाराज (सुदामा कुटी ), प.पू. श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज (अध्यक्ष : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद), पूज्य विवेकानंद महाराज, अंजलि द्विवेदी (भजन गायिका), पूज्य श्री कृष्णा नन्द महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी रामस्वरूप दास महाराज, श्री सौरभ गौड़ , हैदराबाद के गोशमहल विधानसभा से विधायक श्री टी॰ राजा सिंह, साध्वी सरस्वती एवं इशिका तनेजा ने देवकीनंदन ठाकुर महाराज द्वारा सनातन धर्म संसद में उठाए गए सभी बिंदुओ का तन मन धन से प्रस्तावों को साकार करने का आश्वासन दिया।