Mahadev Satta App Row: दुबई में आयोजित कथा के दौरान मशहूर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की उपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया है. यह आयोजन दुबई के ले मेरेडियन होटल एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर में हुआ. जहां सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों ने इस मामले को तूल दे दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों में पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का परिवार भी नजर आ रहा है. इस क्लिप में कथावाचक द्वारा सौरभ चंद्राकर को “यजमान” कहते सुना गया, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया.
सत्तारूढ़ दल पर सवाल
इस घटना पर कांग्रेस नेता दीपक बैज ने प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “अब तो डबल इंजन की सरकार है. उनके पास सारी पावर है, तो फिर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा? सिर्फ मीडिया में बयान देने से कुछ नहीं होगा.”
महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप पहले से ही विवादों में रहा है. इसके प्रमोटरों, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, पर गैरकानूनी सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं. इस ऐप के जरिए कथित तौर पर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन हुए हैं.
आयोजन पर सवाल और सफाई
दुबई में इस कथा आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे विवादित व्यक्तियों को इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई. पंडित प्रदीप मिश्रा की तरफ से इस विवाद पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
स्वाभिमान मंच का कहना है कि सौरभ चंद्राकर, जो युवाओं को सट्टेबाजी में लाकर उनके भविष्य से खेल रहा है, दुबई में शिवमहापुराण कथा का आयोजन करवा रहा है, जिसमें पंडित प्रदीप मिश्रा प्रवचन दे रहे हैं। मंच ने आरोप लगाया कि महादेव ऐप से प्राप्त पैसे का उपयोग इस कार्यक्रम में हो रहा है, और इस पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
स्वाभिमान मंच ने यह भी मांग की है कि छत्तीसगढ़ और भारत सरकार प्रदीप मिश्रा को गिरफ्तार करें और उनके राज्य में होने वाले सभी कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने आस्था चैनल के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। मंच ने 12 दिसंबर 2024 को कलेक्टर, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करने का निर्णय लिया है। वे कुछ सबूत भी पेश करेंगे, जिनमें दुबई में प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को दिखाया जाएगा।
आगे की जांच का इंतजार
यह मामला अब जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बन चुका है. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की मौजूदगी ने सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है. अब देखना यह है कि इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी.