दिल्ली में सियासी ड्रामे का अंत नजर नहीं आ रहा है। यहां हर दिन दिल्ली और केंद्र सरकार से संबंधित लोग किसी न किसी मुद्दे पर आमने-सामने नजर आते हैं। नए घटनाक्रम में के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को सील कर दिया। इसके गेट पर विभाग ने डबल लॉक लगा दिया है। अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएम पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद इस सरकारी आवास को खाली किया गया था। पीडब्ल्यूडी ने हैंडओवर को लेकर उपजे विवाद के बाद यह एक्शन लिया है। दिल्ली के विजिलेंस विभाग ने पीडब्ल्यूडी के दो सेक्शन ऑफिसर और अरविंद केजरीवाल के पूर्व स्पेशल सेक्रेटरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री यहां शिफ्ट हुई थीं, लेकिन अब पीडब्ल्यूडी ने उनका सारा सामान बाहर निकाल दिया है, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि उपराज्यपाल के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने यह कार्रवाई की है। आतिशी का सारा सामान बाहर निकाल दिया गया है।
इससे पहले आप ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों के दबाव में आकर आतिशी को सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया जा रहा है, जबकि केजरीवाल यह बंगला कब का खाली कर चुके हैं। हम इस तरह की स्थिति को दिल्ली में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
अरविंद केजरीवाल पिछले नौ साल से सरकारी बंगले में रह रहे थे, लेकिन बीते दिनों उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उन्हें नियमों के अनुरूप इसे खाली करना पड़ा।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस संबंध में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अब तक विधिक रूप से आतिशी को सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया है, जबकि अरविंद केजरीवाल कब का बंगला खाली कर चुके हैं। बीजेपी अब इसमें भी मनमानी कर रही है।
बीजेपी ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने अभी सरकारी बंगले की चाभी लोक निर्माण विभाग को नहीं सौंपी है, जबकि आप इन दावों को सिरे से खारिज कर रही है। उसका कहना है कि अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से बंगला खाली कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार जानबूझकर आतिशी को यह बंगला आवंटित नहीं कर रही है।