Breaking
7 Nov 2024, Thu

केंद्रीय मंत्री शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ MP-MLA कोर्ट में जारी रहेगा मानहानि का ट्रायल

जबलपुर. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केन्द्रीय कृषि मंत्री मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खजुराहो सांसद व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक भूपेंद्र सिंह के विरुद्ध एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में मानहानि केस में ट्रायल जारी रहेगी. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उक्त तीनों नेताओं द्वारा मानहानि प्रकरण को चुनौती देते हुए उसे निरस्त करने की मांग की थी.

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने उस मांग को अस्वीकार करते हुए तीनों की याचिका निरस्त कर दी. इस मामले में 21 सितंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो शुक्रवार को बाहर आया.

राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने विशेष कोर्ट ने उक्त तीनों नेताओं के विरुद्ध आपराधिक अवमानना व 10 करोड़ रुपये की मानहानि का प्रकरण दायर किया है. तन्खा ने आरोप लगाया कि उक्त भाजपा नेताओं ने उनके विरुद्ध प्रिंट और दृश्य मीडिया में अपमानजनक टिप्पणी करके और सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के समक्ष हुई कार्यवाही का दुष्प्रचार करके दंडनीय अपराध किया है.

तन्खा की ओर से कपिल सिब्बल ने रखा था पक्ष

तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल व अधिवक्ता हरजस छाबड़ा ने पैरवी की, वहीं शिवराज व अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने पक्ष रखा. वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो उक्त भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलतबयानी करके ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया. जिससे उनकी छवि व अदालत की गरिमा को ठेस पहुंची है.

विवेक तन्खा का यह है आरोप

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ गलत और अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जो एक अधिवक्ता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली थीं. यह मानहानि का मामला उन्होंने एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक अधिवक्ता के रूप में दायर किया है और उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में नजीर पेश की जाए. निचली अदालत से तीनों नेताओं को समन और वारंट जारी हुए थे और उन्हें हाजिर होने कहा गया था. इसी से क्षुब्ध होकर शिवराज सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट की शरण ली थी. हाई कोर्ट ने पूर्व में उक्त नेताओं के विरुद्ध वारंट पर रोक लगा दी थी. भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने दलील दी कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उनका उद्देश्य किसी की मानहानि करना नहीं था.

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *