रिपोर्ट सुनील त्रिपाठी
समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के हालिया बयान को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उन्होंने महाकुंभ के पानी को सबसे दूषित बताया और दावा किया कि भगदड़ में जान गंवाने वालों के शव नदी में फेंक दिए गए, जिससे पानी प्रदूषित हो गया है। उनके इस बयान पर भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और अन्य धार्मिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
वीएचपी और भाजपा का विरोध
वीएचपी के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा, “जया बच्चन का बयान भ्रामक और झूठा है। इससे लोगों में ग़लत धारणा और सनसनी फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें इसके लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और मोक्ष का प्रतीक है। इस तरह के बयान करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।
भाजपा नेताओं ने भी जया बच्चन के बयान को हिंदू आस्था का अपमान बताया और उनसे माफी की मांग की। धार्मिक संगठनों ने इसे गुमराह करने वाला और असंवेदनशील बयान करार दिया है।
जया बच्चन ने क्या कहा?
संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जया बच्चन ने कहा, “अभी सबसे ज्यादा दूषित पानी कहां है? कुंभ में… वहां भगदड़ में मारे गए लोगों के शव नदी में फेंक दिए गए हैं, जिससे पानी प्रदूषित हुआ है।”
इसके अलावा, उन्होंने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि आम लोगों के लिए कोई विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं और यह दावा कि करोड़ों लोग यहां पहुंच चुके हैं, सरासर गलत है। उन्होंने पूछा, “इतनी बड़ी संख्या में लोग एक समय पर कैसे इकट्ठा हो सकते हैं?”
सोशल मीडिया पर उबाल
जया बच्चन का यह बयान सोशल मीडिया पर दिनभर ट्रेंड करता रहा। भाजपा समर्थकों और धार्मिक संगठनों के अनुयायियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की, वहीं कुछ लोगों ने उनके बयान का समर्थन भी किया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के बीच बहस तेज हो गई है। अब देखना होगा कि जया बच्चन अपने बयान पर कायम रहती हैं या इस पर सफाई देती हैं।