हरियाणा के जींद में माजरा खाप पंचायत ने सांसद रामचंद्र जांगड़ा के उस बयान की कड़ी निंदा की है। जिसमें उन्होंने ने एक मंच पर किसानों को कसाई की संज्ञा दी है। जांगड़ा यही नहीं रुके, किसान आंदोलन में बहादुरगढ़ व सिंधु बार्डर पर 700 लड़कियों को लापता बताया है और इसका जिम्मेदार किसान आंदोलन को बताया है।
सरकार की हठधर्मिता से किसान हुए शहीद
माजरा खाप पंचायत के प्रधान गुरविंद्र सिंह संधू और महासचिव महेंद्र सिंह सहारण, प्रेस प्रवक्ता समुंद्र फोर ने सांसद से सवाल किया कि किसान आंदोलन अपनी उचित मांगों को लेकर लंबे समय से चला और आखिर सरकार ने किसानों की मांगों को उचित व न्यायोचित ठहराया व माफी भी मांगी। इस आंदोलन में 750 किसान शहीद हुए और यह सरकार की हठधर्मिता से हुआ। यदि सरकार पहले ही यह मांग मान लेती, तो इन शहीद किसानों की जान बच जाती।
19 दिन से अनशन पर डल्लेवाल
इन मौतों की जिम्मेदारी सरकार की है। संधू ने कहा कि सांसद को इस बयान के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए और साथ ही प्रधानमंत्री को अपने इन बड़बोले सांसदों पर लगाम लगानी चाहिए। वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर 19 दिन से बैठे हुए हैं और उनकी हालत चिंताजनक स्थिति में बताई जा रही है। सरकार को उनकी जान बचाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
वहीं पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मुकदमों को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।
किसान नेता ने किया पलटवार
उन्होंने कहा, “मैं उनसे पूछता हूं कि आपने क्या कार्रवाई की. किसान कभी आतंकवादी हो जाता है तो कभी बलात्कारी हो जाता है. ऐसे सांसद के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. आपने एक नया एजेंडा शुरू कर दिया है और आपकी नैतिक जिम्मेदारी है, अगर ऐसा होता तो आप कार्रवाई करते.”
बता दें किसान संगठनों के नेता अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. शंभू बॉर्डर किसानों का प्रदर्शन पहले की तरह जारी है. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर अपनी आगे की रणनीति को लेकर बताया कि किसानों का एक जत्था 14 दिसंबर को दिल्ली के लिए कूच करेगा.