भोपाल। पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद से जीतू पटवारी की कांग्रेस की राज्य इकाई के भीतर आलोचना हो रही है। उनके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पीसीसी कार्यालय में पहली बार पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी, स्टेट वर्किंग कमेटी, स्थायी आमंत्रित एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों की गुरुवार को बैठक हुई। लेकिन इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता नहीं पहुंचे। पटवारी को अकेले छोड़े जाने का सामना करना पड़ रहा है।
बड़े नेता बैठक में नहीं पहुंचे
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अरुण यादव, अजय सिंह, कमलेश्वर पटेल समेत कई बड़े नेता शामिल नहीं हुए, वहीं दूसरी तरफ बैठक के बीच में ही कुछ कार्यकर्ताओं ने जमीनी नेताओं को कार्यकारिणी में जगह न देने को लेकर कार्यालय के बाहर नारेबाजी की।
खाली कुर्सियों ने कर दिया जीतू को तंग : डॉ. केसवानी
कांग्रेस की बैठक में बड़े नेताओं की अनुपस्थित पर भाजपा ने जम कर जीतू पटवारी पर तंज कसा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘तेल लेने गई कांग्रेस पार्टी बोलने वाले जीतू पटवारी का ढंग देखिए, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार जैसे नेता नहीं आए तो बैठक को भंग कर देते। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा की, कांग्रेसियों को जीतू का संग नहीं भा रहा है। कांग्रेस खेमे में नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ी हुई है। खाली कुर्सियों ने कर दिया जीतू को तंग। देख कर जीतू का ढंग कांग्रेस का उड़ गया रंग..’
जीतू को आलोचनाओं का करना पड़ रहा सामना
बतादें, लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए। इसके अलावा प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया, इस हार के लिए जीतू पटवारी को दोषी ठहराया गया था। अब उन्हें नई राज्य कार्यकारिणी की नियुक्ति के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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