भोपाल ।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुश्री संगीता शर्मा ने राजधानी भोपाल में हाल ही में लोकार्पित अंबेडकर सेतु तथा जीजी ब्रिज में हुए कथित भ्रष्टाचार और इन फ्लाईओवरों के निर्माण में की गई तकनीकी खामियों को लेकर सवाल खड़े करते मध्यप्रदेश सरकार से पूछा है कि अंबेडकर सेतु, जीजी ब्रिज जनता की सुविधा के लिए बनाया है या जनता की परेशानी बढ़ाने के लिए?
सुश्री शर्मा ने अंबेडकर सेतु, जीजी ब्रिज निर्माण के बाद भी भोपाल की जनता को होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि कहा कि अंबेडकर ब्रिज से गणेश मंदिर साइड से उतरने वाली जनता के लिए न तो ई – 3 की ओर जाने और न 10 नंबर मार्केट जाने के लिए कोई रास्ता छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि ई-3 की जनता को केवल ब्रिज से नाइज़ पोल्युशन और धूल भरी हवा ही मिली है। इसके अलावा उक्त ब्रिज से उतरकर यदि किसी को कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह जाना है तो पहले उसे सावरकर सेतु जाकर फिर ब्रिज के अंदर जाकर वापस बहुत घूमकर आना पड़ेगा या फिर रॉन्ग साइड जाकर कमलापति स्टेशन जाना पड़ेगा ।
सुश्री संगीता शर्मा ने कहा कि सरकार से मोटी रकम वेतन के रूप में लेने वाले इंजीनियर, ठेकेदार और मंत्री लोग निरीक्षण के नाम पर क्या करते थे? सुश्री शर्मा ने कहा कि अब समझ यह नहीं आ रहा है कि यह ब्रिज जानता की सुविधा के लिए बनाया गया है या भोपाल की जनता को परेशान करने के लिए?
क्या लोकार्पण सिर्फ औपचारिकता?
सुश्री शर्मा ने सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस फ्लाईओवर का लोकार्पण स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया है उसका एक सप्ताह में उखड़ जाना केवल तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि संगठित भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है। सुश्री संगीता शर्मा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि “क्या लोकार्पण केवल औपचारिकता है या जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी भी?” उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर के निर्माण में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया, जिससे इसकी गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री शर्मा ने कहा कि अंबेडकर सेतु का एक हफ्ते में बनते ही उखड़ जाना यह बताता है कि ब्रिज के निर्माण में सरकारी धन का किस कदर दुरुपयोग किया गया है।
अधिकारियों और ठेकेदारों पर दर्ज हो आर्थिक अपराध का मुकदमा:
शर्मा ने कहा कि यह साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सरकारी तंत्र और सरकार दोनों के लिए जन नहीं सिर्फ धन कितना जरूरी है? अब तो भ्रष्टाचार भी भाजपा से शर्माने लगा है। इस फ्लाइओवर में धन का दुरुपयोग हुआ है तभी तो निर्माण में कमियां नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ब्रिज में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता में कमी, डिज़ाइन में कमी, निर्माण प्रक्रिया में लापरवाही। यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि यह जनता की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि ब्रिज में गड्डे होने की घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ आर्थिक अपराध का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए।