मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सूरत में कहा, ‘मैं कितना भाग्यशाली हूं, बिहार से हमारे उपमुख्यमंत्री सम्राट आए हैं। वैसे तो बिहार में सदैव सम्राट का ही कार्यकाल रहा है, बीच में कुछ भिखमंगे आ गए तो उनकी बात छोड़ दो… बाकी राज्यों का नाम अपने-अपने कारण से होगा, लेकिन एक ही देवता के नाम पर राज्य जाना जाता है वृंदावन बिहारी लाल की जय, वो केवल बिहार है।’
सीएम सूरत के इंडोर स्टेडियम में जल संचय-जनभागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तारीफ में यह बात कही। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पटेल, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा भी शामिल हुए।
नदियों का मायका है एमपी सीएम ने कहा, ‘अगर नदियों का मायका कोई है, तो वो मध्यप्रदेश है। पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद नर्मदा के माध्यम से गुजरात से राजस्थान को पानी दिया। हर वो राज्य जहां से बड़ी – बड़ी नदी जा रही है, वो मध्यप्रदेश की बेटी है। मध्यप्रदेश में लगभग साढ़े तीन हजार गांवों के लिए साढ़े तेरह हजार लोगों ने संकल्प लिया। हमारी सरकार बनने के बाद बीती गर्मी में हमने जल गंगा अभियान चलाया था। इसमें 10 हजार से ज्यादा पोखर, तालाब, कुएं, बावड़ी पर काम किया गया।’
20 साल का एमपी-राजस्थान का झगड़ा सुलझा सीएम ने कहा, ‘मैं इस अभियान में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कदम से कदम मिलाकर चलने का आश्वासन देता हूं। हमारा और उत्तरप्रदेश का केन – बेतवा नदी जोड़ो अभियान पीएम मोदी के नेतृत्व में जल शक्ति मंत्री के आशीर्वाद से पूरा होने वाला है। इसके अलावा पिछले 20 साल से राजस्थान और मध्यप्रदेश का झगड़ा चल रहा था, हमारी चंबल – पार्वती – कालीसिंध पीकेसी योजना के लिए कोई निराकरण नहीं कर पा रहा था। राजस्थान के सीएम भजनलाल और मैं साथ में बैठे। पीएम मोदी की मंशा थी पटेल साहब (केंद्रीय जल शक्ति मंत्री) ने वो निर्णय भी कराया। बहुत जल्दी बड़ा काम होने वाला है।
नदी जोड़ो अभियान में एमपी ने लीड ली मोहन यादव ने कहा, ‘नदी जोड़ो अभियान में मध्यप्रदेश ने लीड ली है। मध्यप्रदेश पहला राज्य बनने वाला है, जो लगातार दो-दो नदी जोड़ो अभियान को हाथ में लिया है। मध्यप्रदेश पूरे देश में नंबर वन राज्य ‘नदी जोड़ो’ अभियान में बनेगा, ये उम्मीद है।
गांधी-पटेल के कामों को मोदी ने आगे बढ़ाया
गुजरात के बारे में बात करते हुए सीएम यादव ने कहा, ‘महात्मा गांधी जी ने आजादी के संघर्ष के लिए कदम बढ़ाए, लेकिन देश को एकजुट करने के लिए जिन्होंने रोल अदा किया, ये सरदार वल्लभ भाई पटेल की धरती है। 600 से ज्यादा रियासतों को एकजुट रखकर दुनिया में भारत को समर्थ बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया। लेकिन, दुर्भाग्य से सरदार पटेल, महात्मा गांधी के कामों को आगे बढ़ाने वाले कोई मिले नहीं। 2014 में एक मिले, जिसे दुनिया नरेंद्र मोदी के नाम से जानती है।’