Breaking
18 Dec 2024, Wed

संकट में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की कुर्सी, हिंसाग्रस्त मणिपुर में भाजपा के 19 विधायकों ने की यह मांग

मणिपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, एनपीपी ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखी है, उसमें राज्य में बढ़ती हिंसा का जिक्र किया गया है। जोर देकर बोला गया है कि तमाम प्रयासों के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं, ऐसे में समर्थन वापस लेने का फैसला हुआ है।

क्या गिर जाएगी मणिपुर में बीजेपी सरकार?

जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में बीजेपी के पास अपने दम पर बहुमत है, ऐसे में अगर एनपीपी के सात विधायक अपना समर्थन वापस भी लेते हैं, उस स्थिति में भी सरकार पर कोई खतरा नहीं आने वाला है। लेकिन बड़ी बात यह है कि एनडीए दल अब मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अलग हो रहे हैं, बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं

एनपीपी ने जो चिट्ठी लिखी है, उसकी एक बड़ी बात यह भी है कि मणिपुर की अस्थिरता के लिए सीधे-सीधे सीएम एन बीरेन सिंह को जिम्मेदार बताया गया है। चिट्ठी में कहा गया है कि हम मणिपुर की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों में हमने हालात और बिगड़ते हुए देखे हैं, कई लोगों की मौत हुई है। हमारी पार्टी मानती है कि सीएम बीरेन सिंह का नेतृत्व मणिपुर संकट का समाधान नहीं कर पा रहा है।

मणिपुर में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद शनिवार से शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम एन बीरेन सिंह के पैतृक घर और 10 विधायकों के घरों पर हमलों के बाद हालात बिगड़ते देख पांच जिलों में कफ्र्यू और सात जिलों में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी, लेकिन हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा है। इसी बीच सात विधायकों वाली एनपीपी ने राज्य की भाजपा सरकार सेे समर्थन वापस ले लिया है। सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े, तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। उधर, मणिपुर में बिगड़े हालात के बीच केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। इसके मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह रविवार को नागपुर की चार रैलियां रद्द कर अचानक दिल्ली लौट आए।

कांग्रेस ने कसा तंज

दानिश अली ने कहा कि उन्होंने बहुत सारे वादे किए और सत्ता में आए, लेकिन उन्होंने आज तक कोई मांग पूरी नहीं की। मणिपुर की स्थिति सबके सामने है…उनका इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है, वे केवल ‘बांटो’ और ‘काटो’ की राजनीति में व्यस्त हैं…आप एक सुबह उठेंगे और आपको पता चलेगा कि जेडी(यू) और टीडीपी ने समर्थन वापस ले लिया है, जिनकी बैसाखी पर केंद्र सरकार चल रही है।”

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *