राजस्थान के भजनलाल सरकार ने गहलोत के करीबी रहे पूर्व PHED मंत्री महेश जोशी के खिलाफ एक हज़ार करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार का मुक़दमा दर्ज कर लिया है.
राजस्थान में पहली बार हो रहा है कि इतने बड़े संख्या में किसी एक विभाग के अधिकारियों पर भी केस दर्ज किया है. इस मामले में कई लोगों को पहले भी ईडी ने गिरफ़्तार किया था, मगर राज्य की एसीबी को सीएम भजनलाल शर्मा ने अब हरी झंडी दी है. लंबे समय से सरकार के अप्रूवल के लिए फ़ाइल गई थी.
पूर्व PHED मंत्री महेश जोशी की मुश्किलें बढ गई हैं क्योंकि उनके अलावा उनके साथियों और विभाग के अधिकारियों सहित 22 लोगों के खिलाफ एसीबी ने केस दर्ज किया है. यह एफआईआर एसीबी के एडिशनल एसपी बिशनाराम बिश्नोई की तरफ से दर्ज की गई है.
FIR में जल जीवन मिशन के वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता RK मीणा व दिनेश गोयल का भी नाम है .अतिरिक्त मुख्य अभियंता अरुण श्रीवास्तव, रमेश चंद मीणा, परितोष गुप्ता,अधीक्षण अभियंता निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता विशाल सक्सेना भी नामजद हैं.
महेश जोशी के करीबी पदमचंद जैन, संजय बड़ाया सहित अन्य के भी FIR में नाम है. एडिशनल SP पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ को केस की जांच सौंपी गई है. ईडी के छापे में भारी संख्या में नगदी और सोना की ज़ब्ती हुई थी.
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से टेंडर हासिल किया एसीबी की जांच में यह भी पुष्टि हुई है कि महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर टेंडर लिए। अधिकारियों ने इसे अनदेखा किया। अयोग्य फर्मो को टेंडर देकर लगातार भुगतान करते रहे।
जांच पूरी होने पर 18 जनवरी को 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसकी जांच एडिशनल एसपी एसीबी विशनाराम को दी गई थी। जांच के दौरान पुष्टि हुई कि भ्रष्टाचार और फर्जी बनाए गए सर्टिफिकेट से टेंडर लिए गए। इनमें मुकेश पाठक और पदमचंद जैन के साथ अधिकारी भी शामिल रहे।
एसीबी ने मेल आईडी से पकड़े सही अपराधी एसीबी के पास कुछ मेल आईडी थी। इन्हीं से टेंडर लिए गए थे। एसीबी ने इन सभी मेल आईडी पर काम करना शुरू किया। एसीबी ने मुकेश पाठक से पूछताछ की तो एसीबी को ईमेल आईडी