चकमार्ग विवाद में दलित किसान की खड़ी फसल पर बुलडोज़र, तहसीलदार पर पक्षपात का आरोप

योगी  जी यह मामला न सिर्फ एक ग़रीब किसान की भूमि और जीविका से जुड़ा है, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता, जातीय समानता और कानून के शासन की कसौटी पर भी खरा उतरने की बड़ी चुनौती है।

चकमार्ग विवाद में दलित किसान की खड़ी फसल पर बुलडोज़र, तहसीलदार पर पक्षपात का आरोप

ब्यूरो सुनील त्रिपाठी

एटा, उत्तर प्रदेश | जिले के जलेसर तहसील क्षेत्र में एक दलित किसान की भूमि पर कथित रूप से बिना न्यायिक निर्णय के प्रशासनिक हस्तक्षेप कर कब्जा कराए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित किसान रविंद्रपाल पुत्र नौवत सिंह, निवासी ग्राम इसौली, तहसील जलेसर, ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (संतुर्भ संख्या: 40020125008200) पर शिकायत दर्ज कराते हुए तहसीलदार जलेसर राकेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रार्थी ने अपने पुराने गाटा संख्या 009, रकबा 0.567 हेक्टेयर में से 1/3 हिस्सा अपने भाई और भूरी सिंह नामक व्यक्ति को विक्रय किया था। चकबंदी के दौरान भूरी सिंह द्वारा प्रार्थी की नई भूमि (गाटा सं. 829/2) से कथित रूप से जबरन चकमार्ग निकलवा लिया गया, जबकि विक्रय की गई भूमि अभी भी पुराने गाटा में ही स्थित है।

इस संबंध में मामला डीडीसी न्यायालय एटा में विचाराधीन है, जिसकी अगली सुनवाई नियत दिनांक 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित है। इसके बावजूद दिनांक 19 अप्रैल 2025 को तहसील प्रशासन द्वारा बिना किसी अदालती आदेश के, पुलिस बल और राजस्व कर्मचारियों के साथ जेसीबी मशीन भेजकर प्रार्थी की गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट करते हुए जबरन कब्जा कराया गया।

जातीय उत्पीड़न और प्रशासनिक दुरुपयोग का आरोप

प्रार्थी रविंद्रपाल अनुसूचित जाति (जाटव) समुदाय से हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा, “हमने तहसील कर्मचारियों से कई बार हाथ जोड़कर निवेदन किया, लेकिन हमारी एक नहीं सुनी गई। हमें धमका कर भगा दिया गया और हमारी फसल रौंद दी गई।”

प्रार्थी ने तहसीलदार राकेश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद, भूरी सिंह पक्ष से साठगांठ कर प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग किया और सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए कार्यवाही कराई।

उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना

उल्लेखनीय है कि अपर जिलाधिकारी (राजस्व) एटा द्वारा दिनांक 16 अप्रैल 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि विवादित चकमार्ग की निष्पक्ष पैमाइश कर समाधान किया जाए और अतिक्रमण न होने दिया जाए। इसके क्रम में उपजिलाधिकारी जलेसर द्वारा भी 17 अप्रैल को टीम गठित करने और विधिसम्मत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए थे, किंतु तहसीलदार द्वारा इन आदेशों की अवहेलना करते हुए केवल एक पक्षीय कार्यवाही की गई।

मांग: निष्पक्ष जांच और क्षतिपूर्ति

प्रार्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यालय से आग्रह किया है कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए, तहसीलदार राकेश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो, और प्रार्थी को उसकी भूमि पर पूर्व की स्थिति में पुनः कब्जा दिलवाया जाए। साथ ही गेहूं की फसल के नुकसान की वित्तीय भरपाई और जातीय उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की गई है।

वही, गांव के लोगों ने बताया कि यह मामला न सिर्फ एक ग़रीब किसान की भूमि और जीविका से जुड़ा है, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता, जातीय समानता और कानून के शासन की कसौटी पर भी खरा उतरने की बड़ी चुनौती है। योगी महाराज जी यदि समय रहते उचित न्याय नहीं हुआ, तो यह ग़रीब दलित ग्रामीण समाज में प्रशासन के प्रति विश्वास की बड़ी क्षति होगी।