controversy on procession : मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस द्वारा चाकूबाजी की घटनाओं में शामिल दो दर्जन अपराधियों का जुलूस निकालने पर बवाल छिड़ गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस जुलूस में पुलिस ने भाजपा बूथ अध्यक्ष को भी शामिल कर उसे रिकॉर्डधारी अपराधी बता दिया था। एसपी ने मामले में एक्शन लेते हुए कोतवाली थाने के 3 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिन पहले तीन थानों की पुलिस ने चाकूबाजी की घटनाओं में शामिल करीब दो दर्जन अपराधियों का सामूहिक जुलूस निकाला था। इस जुलूस में भाजपा के बूथ अध्यक्ष विकास करपरिया को भी शामिल किया गया था। पुलिस ने भाजपा नेता सहित सभी अपराधियों से उठक-बैठक भी करवाया था। जुलूस निकलने के बाद विकास ने सीएम हेल्पलाइन पर पुलिस की शिकायत कर दी। यही नहीं, विधायक अनिल जैन, नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, उपाध्यक्ष जगदीश पांचाल और पार्षद योगेश्वरी राठौर सहित अन्य भाजपा नेताओं ने उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा से दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत के बाद एसपी ने कोतवाली थाने के एसआई बबलेश कुमार, प्रधान आरक्षक तरुण पाल और आत्माराम को लाइन अटैच कर दिया।
पुलिस का पक्ष
हालांकि, पुलिस का कहना है कि विकास ने थाना आकर एसआई बबलेश को धमकी दी थी जिसका सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है। पुलिस का कहना कि विकास पर माधव नगर थाने में भी जुआ एक्ट से जुड़ा एक मामला दर्ज है।
भाजपा का पक्ष
भाजपा नेताओं का कहना है कि विकास करपरिया का चाकूबाजी में कोई रिकॉर्ड नहीं है और उसकी तबीयत खराब थी लेकिन पुलिस ने उसे घर से बुलाकर जुलूस में शामिल कर दिया। इस घटना के बाद भाजपा नेताओं ने पुलिस पर गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
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