नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के लिए इस बार चुनौतियां बढ़ रही हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय का टिकट कटने पर तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र के कई मजबूत कार्यकर्ताओं ने पद से इस्तीफा दिया। इनमें वार्ड, मंडल अध्यक्षों सहित विधानसभा और जिला स्तर के पदाधिकारी तक शामिल हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, अब तक 67 पदाधिकारियों ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपने इस्तीफे भेजे हैं। इस इस्तीफे में पदाधिकारियों ने कहा कि भाजपा से आए सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू के लिए काम नहीं करेंगे। वहीं, यमुनापार की दो विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशियों के चयन का विरोध हो रहा है। ये सीटें घोंडा और रोहतास नगर हैं।
दिलीप पांडेय ने किया चुनाव नहीं लड़ने का एलान
बता दें कि दिलीप पांडेय आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिमारपुर से वर्तमान में विधायक हैं। वह इस बार चुनाव नहीं लड़ने का एलान कर चुके हैं। इसके बाद से माना जा रहा है कि तिमारपुर विधानसभा सीट पर पार्टी सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू पर दांव लगा सकती है। बिट्टू तिमारपुर से कांग्रेस की टिकट से दो बार विधायक रहे चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर फरवरी 2025 में विधानसभा होने प्रस्तावित हैं। चुनाव की तारीखों की सुगबुगाहट से पहले ही आम आदमी पार्टी पहली लिस्ट में 11 उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है।
भाजपा के चुनावी नारे से केजरीवाल परेशान- सचदेवा
इससे पहले, शनिवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अपने खोते जनाधार, सरकार एवं विधायकों के प्रति जनता के आक्रोश से अरविंद केजरीवाल हताश हो गए हैं। यही कारण है कि वह भाजपा के चुनावी नारा को लेकर अनर्गल बयानबाज़ी कर रहे हैं। भाजपा का चुनावी नारा “अब नहीं सहेंगे बदल के रहेंगे” जारी होते ही जनता की जुबान पर चढ़ गया है। यह परिवर्तन का नारा है। इससे केजरीवाल के झूठे प्रचार पर कुठारघात हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, “दिल्लीवासी आम आदमी पार्टी को सत्ता से हटाने का मन बना लिया है। वह जानते हैं कि भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली में निश्शुल्क बिजली- पानी और महिलाओं की बस यात्रा को बेहतर तरीके से लागू करेगी। लोगों की समस्याएं दूर होगी, लेकिन भ्रष्टचार के आरोपों से घिरे आप नेताओं की परेशानी बढ़ जाएगी।”