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5 Jan 2025, Sun

पीथमपुर में आत्मदाह की कोशिश, दो युवक झुलसे:यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर MP के पीथमपुर में बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज..

Pithampur Protest: भोपाल गैस त्रासदी का जहरीले कचरा गुरुवार (2 जनवरी) को पीथमपुर पहुंचा। शुक्रवार (3 जनवरी) को यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन कचरे को जलाने का विरोध शुरू हो गया है। हजारों लोगों ने मोर्चा खोल दिया। पीथमपुर बस स्टैंड पर लोगों ने ‘जहरीला कचरा नहीं जलेगा, नहीं जलेगा’ नारे लगाकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम करने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया। प्रदर्शन कर रहे दो युवकों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। दोनों आग में झुलस गए। युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया है।

दोनों युवक आईसीयू में भर्ती

जानकारी के मुताबिक, हंगामा कर रहे राजकुमार रघुवंशी ने अपने ऊपर पेट्रोल डाला। अचानक आग लगते ही राजकुमार जलने लगे। राजकुमार के पास खड़ा राजू पटेल भी आग की चपेट में आ गया। पुलिस और मौके पर मौजूद लोगों ने आग बुझाई। दोनों को इंदौर में चोइथराम अस्पताल के बर्न यूनिट आईसीयू में भर्ती कराया है। प्रदर्शनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने लगे तो पुलिस ने बैरिकेडिंग करके रोक लिया। धरना प्रदर्शन के कारण वाहनों को महेंद्रा ब्रिज होते हुए पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया।

जहरीला कचरा वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा

पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए। समिति के लोगों का कहना है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने जनप्रतिनिधियों को भेजने के लिए अपनी चूड़ियां उतारकर इकट्ठा की हैं। इधर यूका का कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले एडवोकेट बाबूलाल नागर ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में पिटिशन दायर की है। 6 जनवरी को सुनवाई होगी। हम अदालत के सामने इस कचरे के दुष्परिणाम समेत अन्य जानकारी रखेंगे।

‘आपसे आग्रह है शांति बनाए रखें’

धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र और एसपी मनोज कुमार सिंह ने पीथमपुर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। अफसरों ने कहा कि सरकार ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगी, जिससे जनता को नुकसान हो। लेकिन कोई कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करेगा तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे। आपसे आग्रह है कि कानून हाथ में न लें। शांति बनाए रखें।

भोपाल से पहुंचा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा

भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा लेकर बुधवार रात 9 बजे 12 कंटेनर पीथमपुर रवाना हुए थे। भोपाल, सीहोर, इंदौर, देवास और धार जिलों से गुजरते हुए 250 किमी का सफर तय कर गुरुवार सुबह सभी कंटेनर पीथमपुर पहुंचे। भोपाल से कचरा उठने के साथ ही विरोध के सुर भी उठने लगे थे। गुरुवार को लोगों ने विरोध में रैली निकाली थी। शुक्रवार को विरोध उग्र हो गया।

40 साल पहले हुई गैस त्रासदी का है ‘जहरीला कचरा’

यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1934 में भोपाल में की गई थी। कंपनी में यूनियन कार्बाइड और कार्बन कॉर्पोरेशन की 50.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। 2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक में स्टोर की गई एमआईसी गैस लीक हो गई थी। हवा के साथ गैस फैलकर आसपास के इलाकों में घुलने लगी।

धीरे-धीरे गैस भोपाल शहर के बड़े हिस्से में फैल गई। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। त्रासदी में 5479 लोगों की मौत हुई थी। 5.74 लाख लोग प्रभावित हुए थे। घटना के 40 साल बाद भोपाल से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को पीथमपुर भेजा गया। आशापुरा गांव स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री में इसे जलाया जाना है।

By archana

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