दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब नीति घोटाले में केस चलाने की अनुमति ED को मिल गई है। ANI के सूत्रों के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना ने शनिवार को अनुमति दे दी है।
ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केस चलाने के लिए अनुमति मांगते हुए कहा था- शराब घोटाले की जांच में पता चहा है कि शराब नीति को लागू करने के दौरान भ्रष्टाचार हुआ है।
दरअसल, शराब घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को फैसला सुनाते हुए कहा था कि पब्लिक सर्वेंट पर सरकार की अनुमति के बिना मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत केस नहीं चलाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ED द्वारा पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अनुमति जरूरी नहीं थी। यह CBI और राज्य पुलिस जैसी अन्य जांच एजेंसियों के लिए अनिवार्य था।
इधर, केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा- ED मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही है। बाबा साहब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इन्हें जुमलेबाजी बंद करनी चाहिए।
दरअसल, PLMA को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था. अरविंद केजरीवाल पर इससे पहले ही PMLA का केस दर्ज हो चुका था. हालांकि, ट्रायल शुरू नहीं हुआ था. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ईडी ने LG से अनुमति ली है.
AAP ने कहा कि ये झूठी खबर
हालांकि, आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा है कि LG सक्सेना ने ED को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की कोई मंज़ूरी नहीं दी है. ये झूठी खबर है. अगर ED को मंजूरी मिली है तो उसकी कॉपी दिखाया जाए.
वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ED उस मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही? यह साफ है कि यह खबर झूठ और गुमराह करने वाली है. उन्होंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी बंद करो और दिखाओ कहां है ED को मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी?