सूरत :शहर के श्रमिक बहुल इलाकों में फर्जी डॉक्टरों की सक्रियता से लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। बिना किसी रोक-टोक के, ये झोलाछाप डॉक्टर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए कानूनी व्यवस्था या विशेषज्ञों की प्रभावी कार्रवाई का अभाव है, जिससे ये बार-बार सक्रिय हो जाते हैं।
पांडेसरा में हाल ही में एक विवादित अस्पताल का उद्घाटन चर्चा का विषय बना हुआ है। बमरौली रोड पर कर्मयोगी सोसायटी में रविवार को ‘जनसेवा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल’ का शुभारंभ हुआ। लेकिन इस अस्पताल की चर्चा इसके कर्ताधर्ताओं की वजह से हो रही है। अस्पताल शुरू करने वाले तीन डॉक्टरों में से दो पर पहले से झोलाछाप प्रैक्टिस करने के मामले में पुलिस केस दर्ज है। तीसरे संचालक पर 2022 में शराब तस्करी का केस दर्ज हो चुका है।
यहां बिना डिग्री के पांच लोगों ने जनसेवा के नाम पर मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बना डाला। हॉस्पिटल के उद्घाटन को लेकर छापे गए इनविटेशन कार्ड में सूरत पुलिस के आला अधिकारी, पुलिस कमिश्नर और निगम आयुक्त का नाम भी बिना पूछे छपवा दिया गया। हालांकि हॉस्पिटल के इनॉगरेशन में कोई अधिकारी शामिल नहीं हुए, बल्कि हॉस्पिटल के उद्घाटन के अलगे ही दिन गुजरात के हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक्शन ले लिया और अस्पताल को सील कर दिया। वहीं सूरत पुलिस फर्जी डिग्री के नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले जालसाजों का अब इलाज कर रही है। पांच आरोपियों में से दो की फर्जी डिग्री का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, जबकि बाकी आरोपियों की डिग्री की जांच की जा रही है।
पांडेसरा इलाके में खोला हॉस्पिटल
सूरत के डीसीपी विजय सिंह गुर्जर ने बताया कि सूरत के पांडेसरा इलाके में जनसेवा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन था। इसके आमंत्रण पत्रिका में डॉक्टर्स का जो नाम लिखा गया था, इसमें एक डॉक्टर का नाम बबलू रामआसरे शुक्ला जो खुद को BEMS डॉक्टर बता रहा है। बबलू पर सूरत में मेडिकल प्रैक्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था और यह फर्जी डॉक्टर है। दूसरा डॉक्टर राजाराम केशव प्रकाश दुबे है, जो खुद को BEMS डॉक्टर बताता है, इसके खिलाफ भी गुजरात मेडिकल एक्ट के तहत सूरत के पांडेसरा थाने में मामला दर्ज हुआ था। यह भी फर्जी डॉक्टर है और इसकी डिग्री भी फर्जी है।
डॉक्टरों की डिग्री की हो रही जांच
आगे उन्होंने बताया कि तीसरा डॉक्टर गंगा प्रसाद मिश्रा है, जो अपने को BAMS बताता है। उसके खिलाफ अलग-अलग पुलिस थाने में शराब तस्करी का केस दर्ज है। इसके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज है। चौथा सज्जन कुमार मीणा जो MD होने का दावा कर रहा है और पांचवा प्रत्यूष कुमार गोयल MS आर्थोपेडिक होने का दावा कर रहा है। अभी इनकी डिग्री की जांच चल रही है कि इनकी भी डिग्री असली है कि नहीं। अगर जांच में पता चलेगा तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। निमंत्रण पत्रिका में स्वाताकांक्षी के तौर प्रमोद कुमार तिवारी का नाम लिखा है, जो अपने आप को रिटायर्ड पीएसआई बता रहा है। उनका भी इंवॉल्वमेंट सामने आया है। उनका बेटा धवल इसी हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर चलाता है और अपने आपको फार्मासिस्ट बताता है। उनकी डिग्री की भी हम जांच कर रहे हैं।
बिना सूचना के छाप दिए अधिकारियों के नाम
इतना ही नहीं इस हॉस्पिटल की आमंत्रण पत्रिका में सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत, सूरत महानगर पालिका कमिश्नर शालिनी अग्रवाल और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स का नाम भी बिना पूछे ही छपवा दिए थे। किसी भी अधिकारी को पता ही नहीं था कि उनका नाम निमंत्रण पत्रिका में है ओर कोई भी अधिकारी हॉस्पिटल के उद्घाटन में नहीं पहुंचे।