उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुए सामूहिक हत्याकांड से हर कोई सन्न है। पुलिस पूछताछ में परिवार का मुखिया और सराफा कारोबारी मुकेश वर्मा (51) कई खुलासे कर रहा है। उसने पुलिस को बताया कि वो करवाचौथ वाले दिन ही जान देना चाहता था, लेकिन उसे उसकी पत्नी रेखा ने रोक लिया था।
रविवार को जब एक बार फिर मुकेश ने मरने की बात की तो रेखा ने कहा था कि हमारे बाद बच्चों को कौन देखेगा, इसलिए उन्हें भी साथ लेकर मरने का फैसला किया गया। इस बात का खुलासा खुद मुकेश ने पूछताछ में किया।
मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसने करवाचौथ पर ही मरने का मन बना लिया था। तब पत्नी ने यह कहकर रोक लिया था कि वह भी इस दुनिया में क्या करेगी। अकेले बच्चों का पालन-पोषण करना मुश्किल होगा।
‘आपके साथ ही पूरा परिवार दुनिया छोड़ेगा’
इस पर उसने उस दिन जान देने का फैसला टाल दिया था। इसके बाद रविवार को उसने फिर पत्नी से मरने की बात कही। इस पर रेखा ने फिर वही दोहराया कि उसे और बच्चों को भी अपने साथ मार दो। आपके साथ ही पूरा परिवार दुनिया छोड़ेगा। सोमवार तड़के सबसे पहले पति पत्नी ही उठे थे। मुकेश ने बताया कि पत्नी रेखा ने बच्चों के सोने के दौरान खुद फंदे लगाकर जान देने का प्रयास किया, लेकिन उसमें वह सफल नहीं हो सकी। इसके बाद सभी ने नींद की गोली खाने का निर्णय लिया।
पत्नी की सहमति से कारोबारी ने परिवार को मार डाला
सराफा कारोबारी ने सोमवार सुबह लगभग पांच बजे अपनी पत्नी, तीन बच्चों को नींद की गोलियां खिलाकर बेसुध किया। फिर एक-एक कर रस्सी से गला दबाकर चारों की हत्या कर दी। वह खुद भी ट्रेन से कटकर जान देने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
पूछताछ में आरोपी सराफा कारोबारी ने बताया कि पत्नी की सहमति पर ही उसने चारों की हत्या की। पुलिस ने कारोबारी के साले की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।
फोन पर स्टेट्स लगाया- ये सब खत्म हो गए
पत्नी-बच्चों की हत्या करने के बाद रात करीब 8:20 पर पत्नी के फोन पर स्टेट्स लगाया कि ये सब खत्म हो गए। इसके बाद सीओ सिटी के सीयूजी नंबर पर सुसाइड नोट और ये सब खत्म का संदेश भी भेजा। सुसाइड नोट में परिवार और खुद मरने की बात लिखी थी। स्टेशन के पास मरुधर एक्सप्रेस से कटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी ने बताया कि 2004 में कैंसर पीड़ित पहली पत्नी नीतू को भी उसने नींद की गोलियां देकर मुक्ति दी थी।