भोपाल । खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि उपार्जित धान की वर्षा से सुरक्षा के लिये समुचित प्रबंध किये जा रहे हैं। उन्होंने बताय है कि प्रदेश में अभी तक कुल 24 लाख 84 हजार 811 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। यह विगत वर्ष में इस अवधि के उपार्जन की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक है। इसके लिए प्रदेश में 1394 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं।
प्रदेश में कुल उपार्जन केन्द्रों में से 749 गोदाम स्तरीय केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें उपार्जित धान का भंडारण वहीं गोदाम में कर दिया जाता है। इसके लिए परिवहन की आवश्यकता नहीं होती है। शेष उपार्जन केन्द्र जो समिति स्तरीय बनाए गए थे, उनमें उपार्जित 3 लाख 97 हजार 515 मीट्रिक टन धान को सीधे मिलर्स को मिलिंग के लिये दी गई है। साथ ही 14 लाख 40 हजार 774 मीट्रिक टन धान का परिवहन एवं हैंडलिंग चालान बनाकर गोदामों में सुरक्षित भंडार किया गया है। शेष बची हुई धान को उपार्जन समितियों के माध्यम से तिरपाल, पॉलिथीन डालकर सुरक्षित करने के लिये पूर्व में ही निर्देशित कर दिया गया था। उपार्जित धान के सुरक्षित भंडारण के लिये प्रतिदिन धन उपार्जन वाले जिले के अधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी की अध्यक्षता में वीसी के माध्यम से मॉनिटरिंग कर धान को सुरक्षित रखने के प्रयास किए गए हैं।
मंत्री श्री राजपूत ने बताया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा भी धान उपार्जन की समीक्षा की जाकर समस्त संभागीय आयुक्त, समस्त कलेक्टर्स और अधिकारियों को बेमौसम बरसात की संभावना के चलते धान को सुरक्षित रखने के लिये सभी आवश्यक प्रबंध किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
साथ ही खराब मौसम के चलते किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो इसलिये 1 जनवरी तक धान उपार्जन को स्थगित किया जाकर किसानों को आगे अवसर दिया गया है। आगामी 30 एवं 31 दिसम्बर और 1 जनवरी को धान विक्रय के लिये जिन किसानों द्वारा स्लॉट बुक किया गया है। उनकी अवधि 5 कार्य दिवस बढ़ा दी गई है। इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से किसानों को दी जा रही है। किसानों द्वारा 2 जनवरी से नियमित रूप से धान का विक्रय उपार्जन केन्द्रों पर किया जा सकेगा।