मूलचन्द मेधोनिया
गाडरवारा। सिविल अस्पताल करेली का नया भवन बनाया गया जिसका नाम डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर पर है उसको कुछ तथाकथित लोगों एवं प्रिंट मिडिया के द्वारा नाम बदलने की अपवाह फैलाने का कार्य कर रहें लोगो के विरोध में कई संगठन ने करेली मंडी प्रांगण एकत्रित होकर बरमान चौराहे पर तहसीलदार महोदय के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन को सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रमुख रूप ओ. पी. कौशिक जी,श्याम सिंह चौहान,शंकर चौधरी जी,टीकाराम पटेल,विनोद मांडले,सतीश जाटव जी, मुकेश चौधरी, शैलेंद्र बिजोरिया जी, तुलसीराम बौद्ध, शिवराज गौतम, प्रकाश शास्त्री जी, नेतराम कुशवाहा जी, बी. एस. परिहार जी, बाबूलाल जाटव,राजा जाटव, मेहमान जाटव, नेता लखीराम जाटव, भोजराज जाटव, लखन ठेकेदार,राजेश जाटव, धर्मेंद्र जाटव, छोटू इटोरिया, कृष्ण कुमार जाटव, महेश जाटव,राकेश चौधरी, प्रदीप अहिरवार, प्रकाश चौधरी, कमलेश चौधरी, हरिगोविन्द चौधरी एवं अन्य हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए उक्त ज्ञापन में चेताया गया है कि यदि सिविल अस्पताल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर नाम बदल गया तो जिला मुख्यालय पर समस्त एससी एसटी के सामाजिक संगठनों एवं भीम अनुयायीयों के द्वारा किया उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।
अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी के परिवार का समर्थन करते हुए शासन से मांग की है कि सिविल अस्पताल करेली का नाम डा. अम्बेडकर के नाम पर ही यथावत रहना चाहिए। जबकि नामकरण शासन की ही मंजूरी और जिले के अम्बेडकरवादी लोगों की मांग के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद सहित सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में नामकरण हुआ व लोकार्पण हुआ है। फिर पुनः नामकरण करना देश के अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाना ठीक नहीं है। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी के सुपौत मूलचन्द मेधोनिया ने कहा है कि उक्त सम्बन्ध में शहीद मनीराम जी की जयंती चीचली में मनाई जा रही है। जिस सम्बन्ध में उक्त आयोजन के अवसर पर भी आवाज उठाई जायेगी।