सुनील शर्मा
उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कलेक्ट्रेट सभागार में कर-करेत्तर एवं राजस्व कार्यों की विभाग वार विस्तृत समीक्षा की कर राजस्व बसूली में तेजी लाए जाने हेतु सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में अधीक्षण अभियंता विधुत, अधिशाषी अभियंता द्वितीय व अधिशाषी अधिकारी उरई अनुपस्थि रहने व विभागीय राजस्व बसूली लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति कम होने पर एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने विभागवार राजस्व वसूली की प्रगति की विस्तृत समीक्षा के दौरान वाणिज्यकर विभाग, स्टाम्प, विधुत आदि विभाग के अधिकारियों को लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली कम होने पर स्पष्टीकरण मांगा और प्रगति लाने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली से जुड़े समस्त विभागीय अधिकारियों का दायित्व है कि दिए गए लक्ष्य के अनुरूप राजस्व वसूली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने लक्ष्य के सापेक्ष कार्य योजना बनाकर सत प्रतिशत राजस्व वसूली के कार्यों को पूरा कराएं, यदि लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व बसूली में शिथिलता बरतने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने मंडी व नगर निकायों की आय के स्रोत बढ़ाने व प्रवर्तन के कार्यों में तेजी लेन के निर्देश दिए। उन्होंने खनन व परिवहन विभाग को निर्देशित किया की सक्रिय रहते हुए प्रवर्तन कार्य करें और चेकिंग बढ़ाने के साथ ही अवैध परिवहन और ओवरलोड वाहनों पर पूर्ण रोक लगाई जाए प्रवर्तन संबंधी कार्यवाही की कार्य योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करें। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारी व वाणिज्य कर विभाग को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए जनपद में करापवंचन न होने पाए। राजस्व प्रशासन की समीक्षा की गई जिसमें 3 वर्ष व 5 वर्ष मुकदमा का निस्तारण करें, स्वामित्व योजना, वादों का निस्तारण, अंश निर्धारण की कार्यवाही, भू माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही आदि प्रकरण में उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि प्रभावी कार्यवाही करें, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया की शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को सत प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए, जिन विभागों द्वारा आरसी जारी की गई है राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर उनकी वसूली सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि फरियादियों/शिकायतकर्ताओं के साथ विनम्र व्यवहार किया जाय, उनकी शिकायतों को गम्भीरता से सुना जाय। क्षेत्र भ्रमण कर समस्याआें का समाधान किया जाय। पारदर्शी तरीके से सभी अधिकारी कार्य करें। उन्होंने उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को राजस्व वादों के निस्तारण में प्रगति लाने के निर्देश दियें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धारा-24 व धारा 80 के प्रकरण लविंत न रहे, पैमाइश व बटवारा में तेजी लाएं। अभियान चलाकर सरकारी जमीन-तालाब/चारागाह आदि पर सुनिश्चत किया जाय कि सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण न होने पाये, अवैध अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाय।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार, नगर मजिस्ट्रेट अजीत कुमार जायसवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नेहा ब्याडवाल, प्रभागीय वनाधिकारी प्रदीप कुमार, समस्त उप जिलाधिकारी सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।