भोपाल। सागर जिले के देवरी विधानसभा में सर्पदंश से मृतक युवक के परिजनों से चालीस हजार की रिश्वत मांगने और न मिलने पर सर्पदंश का उल्लेख न करने के मामले में देवरी से भाजपा विधायक द्वारा रात में थाने में धरने पर बैठने और पद से स्तीफा देने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि मध्यप्रदेश में पैदा होने के प्रमाण पत्र तो बिना घूंस के नहीं मिलता है पर अब तो मृत्यु प्रमाण पत्र भी बिना घूंस नहीं बनते। मध्यप्रदेश में भ्रष्ट्राचार का जाल इस तरह बिछ गया है कि अब यहां मौत पर भी सरकारी डॉक्टर नजराना मांगते हैं। सुश्री शर्मा ने कहा कि यहां के शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों का यह हाल हो गया है कि आम आदमी हो या अन्य दलों के नेता, उनसे बिना दाम कोई काम नहीं करते पर अब तो सत्ताधारी दल भाजपा के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी नहीं छोड़ रहे। अब भाजपाई भी सरकार के सुनियोजित भ्रष्ट्राचार से परेशान हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री शर्मा ने ने कहा कि रीवा, सागर और कटनी के भाजपा विधायकों और एक भाजपा पार्षद का दर्द इस बात की गवाही दे रहा हैं कि डा मोहन यादव की सरकार सुनियोजित भ्रष्ट्राचार में आकंठ डूबी हुई है। सागर जिले के देवरी से भाजपा के विधायक बृजबिहारी पटेरिया की कोई सुनवाई नहीं होने पर थाने में धरना देते हैं तो मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल एसपी के सामने दंडवत होते हैं, वहीं कटनी जिले से भाजपा विधायक संजय पाठक अपनी जान का खतरा बताते हैं। उक्त सभी घटनाक्रम बेहद दुःखद है, पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग और शिवराज सिंह की नकल करने से फुर्सत मिले तब न?
तो आम जनता की सुरक्षा कैसे होगी ?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने सवाल उठाया है कि मप्र में अपराध इस कदर बढ़ गए हैं कि भाजपा विधायकों प्रदीप पटेल और संजय पाठक को ही जान का ख़तरा मंडरा रहा है तो आम आदमी का क्या हाल होगा। इतना ही नहीं भाजपा पार्षद अर्पणा पाटिल की एसपी नहीं सुन रही है। भाजपा सरकार में भाजपा के ही जनप्रतिनियों के यह हाल है तो आम जनता की सुरक्षा कैसे होगी ? सुश्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से न सरकार चलाते बन रही है और न क़ानून व्यवस्था सँभाली जा रही है तो उन्हें नैतिकता के नाते अपनी अक्षमता को स्वीकार कर इस्तीफा दे देना चाहिए।
केंद्र के वसूली एजेंट बन रहे मुख्यमंत्री :
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री शर्मा ने कहा कि हाल ही में सरकार की नाक के नीचे दूसरे राज्य की पुलिस ने करोड़ों की ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया, इसके बाद भी प्रधानमंत्री श्री मोदी को मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की जगह नशेड़ी बनाने का यह सुनियोजित भ्रष्ट्राचार क्यों नहीं दिखाई दिया ? क्यों मप्र के मुख्यमंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की ? भ्रष्ट्राचार के खिलाफ कार्रवाई का राग अलापने वाले प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश की अराजकता पर मौन क्यों हैं। कहीं संघ और मोदी ने मोहन को वसूली के लिए ही मुख्यमंत्री तो नहीं बनाया है ?