भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल का एक विवादित मामला सामने आया है, जिसमें आरोप है कि उसने बुजुर्ग दंपती की गाड़ी को टक्कर मारने के बाद उनसे अभद्रता की और बाद में पुलिस से झगड़ा किया। यह घटना जबलपुर की यादव कॉलोनी स्थित लेबर चौक पर बुधवार रात 8:30 बजे की बताई जा रही है। शनिवार को इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया।
क्या है पूरा मामला?
घटना के दौरान प्रबल पटेल एक बिना नंबर की कार में सवार था। आरोप है कि उसकी गाड़ी ने चौराहे पर एक बुजुर्ग डॉक्टर दंपती की गाड़ी को टक्कर मारी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद प्रबल ने बुजुर्ग दंपती के साथ न केवल अभद्रता की, बल्कि धमकी भी दी। इस घटना को देखकर आसपास के लोग वहां एकत्र हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि प्रबल ने न सिर्फ बुजुर्ग दंपती के साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि पुलिस से भी बदतमीजी की।
पुलिस से कहां, ‘जनते नहीं हो मंत्री का बेटा हूँ’
इस बीच, घटना स्थल पर पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास किया। लेकिन, आरोप है कि मंत्री के बेटे ने पुलिसकर्मियों से भी अभद्रता की। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक पुलिसकर्मी द्वारा रोकने की कोशिश करने पर प्रबल ने धक्का-मुक्की की। इसके अलावा, पुलिसकर्मी सतीश से प्रबल ने कथित रूप से वर्दी उतरवाने की धमकी दी। हालांकि, विवाद बढ़ता देख प्रबल ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन किया, जिसके बाद मामला शांत हुआ और प्रबल पटेल वहां से चला गया।
डीआईजी टीके विद्यार्थी ने इस मामले पर कहा कि अभी तक इस घटना को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। स्थानीय पुलिस थाने से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि बुजुर्ग डॉक्टर दंपती ने कोई शिकायत नहीं की है। इसके बावजूद, इस घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है, और पुलिस पर उचित कार्रवाई न करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
वीडियो हुआ वायरल
इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद मंत्री के बेटे की अभद्रता और पुलिस से विवाद का मामला गर्म हो गया है। खासकर सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। आम जनता के साथ ही विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इस घटना पर सवाल उठाए हैं, मंत्री के बेटे पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व सीएम के भतीजे पर भी आरोप
इस घटना के साथ ही एक और मामला पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भतीजे और पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह से जुड़ा है। आदित्य पर महिला एसडीओपी और थाना प्रभारी (टीआई) के घर जलाने की धमकी देने का आरोप है, जिसके चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आदित्य के इस आचरण पर भी राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा हुआ है
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने भतीजे आदित्य के मामले को “छोटी सी घटना” कहकर टालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आदित्य जिस रास्ते से गुजर रहा था, वहां प्रशासन द्वारा आयोजित एक नुक्कड़ नाटक हो रहा था, जिसकी जानकारी न होने के कारण उसका पुलिस से विवाद हुआ। वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आदित्य के आचरण को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि एक अच्छे परिवार का युवा ऐसा काम करता है तो परिवार के सदस्यों को उसे समझाना चाहिए।
दोनों घटनाओं के बाद पुलिस और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वे निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। विशेष रूप से मंत्री और पूर्व सीएम के रिश्तेदारों के शामिल होने के कारण मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।